
पंजाब सरकार ने बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए मिड-डे मील में एल्युमिनियम के बर्तनों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने का फैसला किया है। राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि स्कूलों में खाना पकाने और परोसने के लिए एल्युमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल तुरंत बंद किया जाए।
एल्युमिनियम के बर्तनों से सेहत को खतरा
शिक्षा विभाग के मुताबिक, एल्युमिनियम के बर्तनों का लगातार उपयोग बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक एल्युमिनियम के संपर्क में रहने से शरीर में जहरीले तत्व जमा हो सकते हैं, जिससे एनीमिया, मानसिक कमजोरी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि फूड कमीशन ऑफ इंडिया और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पंजाब सरकार को इस बदलाव का सुझाव दिया था।
31 मार्च तक सभी स्कूलों में बदलेंगे बर्तन
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से नए बर्तनों की लागत का अनुमान भेजने को कहा है ताकि सरकार बजट आवंटन कर सके। योजना के तहत, 31 मार्च 2025 तक राज्य के सभी स्कूलों में एल्युमिनियम के बर्तनों को पूरी तरह हटाकर नए बर्तन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
अब स्कूलों में स्टेनलेस स्टील, कास्ट आयरन (लोहे के बर्तन) और सेरामिक कुकवेयर का उपयोग करने की सलाह दी गई है। स्कूल प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि खाना पकाने के लिए कोई भी बर्तन जैसे पतीले, कड़ाही, थालियां आदि एल्युमिनियम के नहीं होने चाहिए।
बजट और अनुदान योजना
बर्तन बदलने की इस योजना के लिए सरकार ने करीब 175 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। पहले मिड-डे मील में एल्युमिनियम के बर्तनों के लिए प्रति स्कूल 5,000 रुपये का अनुदान दिया जाता था, लेकिन अब स्टील और पीतल के बर्तनों के लिए यह राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति स्कूल करने की योजना है।
बच्चों की सेहत के लिए सराहनीय कदम
पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर अभिभावकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे एक बेहतरीन कदम बताया है। उनका मानना है कि सरकार की यह पहल बच्चों की सेहत को सुरक्षित करने में मदद करेगी और भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाव होगा। अब पंजाब के स्कूलों में सेहतमंद भोजन को और भी सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव किया जा रहा है, जिससे बच्चों को पौष्टिक और सुरक्षित मिड-डे मील मिलेगा।