पंजाब सरकार ने सर्दियों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के मेन्यू में बदलाव किया है। अब छात्रों को मिड-डे मील में देसी घी का हलवा और खीर भी परोसी जाएगी। शिक्षा विभाग ने नए साल के लिए मिड-डे मील का मेन्यू जारी कर दिया है, जो 8 दिसंबर से लागू होगा और 31 जनवरी तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद सरकार जरूरत के अनुसार मेन्यू में बदलाव करेगी।
सरकार का यह कदम बच्चों के पोषण स्तर को बढ़ाने और उन्हें सर्दियों में ऊर्जा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे पहले, छात्रों को फल दिए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसका उद्देश्य न केवल बच्चों को शारीरिक लाभ पहुंचाना था, बल्कि किसानों को भी समर्थन देना था।
शिक्षा विभाग ने यह भी साफ किया है कि सभी स्कूलों को निर्धारित मेन्यू का पालन करना होगा। यदि किसी स्कूल में इसका पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित स्कूल प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मिड-डे मील का उद्देश्य और स्कूली व्यवस्था
पंजाब में 19,000 से अधिक सरकारी स्कूल हैं, जहां पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को मिड-डे मील उपलब्ध कराया जाता है। मिड-डे मील योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्कूल से जोड़ना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना है। योजना के लिए विभाग की ओर से आवश्यक फंड उपलब्ध कराए जाते हैं और बच्चों को दिए जाने वाले सभी भोजन का रिकॉर्ड भी रखा जाता है। इसके लिए स्कूलों में कुक तैनात किए गए हैं।
मिड-डे मील का नया मेन्यू
शिक्षा विभाग ने सप्ताह के लिए मिड-डे मील का मेन्यू तय किया है:
- सोमवार: दाल (मौसमी सब्जियां मिलाकर) और रोटी
- मंगलवार: राजमा-चावल और खीर
- बुधवार: काले और सफेद चने (आलू मिलाकर), पूरी/रोटी और देसी घी का हलवा
- वीरवार: कढ़ी (आलू और प्याज के पकौड़ों वाली) और चावल
- शुक्रवार: मौसमी सब्जियां और रोटी
- शनिवार: महा-छोलिया की दाल, चावल और किन्नू
इस मेन्यू के जरिए सरकार बच्चों को पोषणयुक्त और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही सर्दियों में उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहती है।
मिड-डे मील योजना की महत्ता
मिड-डे मील योजना का मकसद बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण देना और उनके स्वास्थ्य को सुधारना है। इसके साथ ही, यह योजना बच्चों को स्कूल से जोड़े रखने और उनकी पढ़ाई को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है। पंजाब सरकार का यह कदम बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए राहत भरा है।