सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारकों को राहत दी है। अब वे 7500 किलोग्राम तक के परिवहन वाहन चला सकते हैं। कोर्ट ने 2017 में दिए गए अपने फैसले को बरकरार रखते हुए यह स्पष्ट किया कि LMV लाइसेंस धारक इस भार तक के कमर्शियल वाहनों को चला सकते हैं। यह निर्णय उन ड्राइवरों के लिए महत्वपूर्ण है, जो हल्के मोटर वाहन लाइसेंस के साथ बड़े ट्रांसपोर्ट वाहनों का संचालन करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ, जिसमें चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे, ने इस कानूनी मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया। अदालत का मानना है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए सिर्फ हल्के वाहन चालकों को दोषी ठहराना सही नहीं है, क्योंकि दुर्घटनाओं के कई अन्य कारण भी होते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा एक वैश्विक मुद्दा है और भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 2023 में 1.7 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
कोर्ट ने इस निर्णय में यह भी कहा कि हल्के वाहन चालकों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया जाता है, जो पूरी तरह से निराधार है। अदालत ने इसके पीछे के कारणों में सीट बेल्ट का न पहनना, मोबाइल का उपयोग करना, नशे में गाड़ी चलाना और अन्य लापरवाहियों का उल्लेख किया। अदालत ने यह भी कहा कि वाहन चलाने के लिए विशिष्ट कौशल की आवश्यकता होती है, साथ ही सड़क की परिस्थितियों से निपटने के लिए ध्यान और सतर्कता की भी आवश्यकता होती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि बीमा कंपनियां उन मामलों में भी क्लेम देने से मना नहीं कर सकेंगी, जहां LMV लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से हल्के ट्रांसपोर्ट वाहनों का संचालन कर रहे हों। इससे पहले बीमा कंपनियां दुर्घटनाओं के मामलों में बीमा राशि का भुगतान करने से इनकार करती थीं। अब यह फैसला उन ड्राइवरों के लिए भी सहायक साबित होगा, जो इस प्रकार के वाहनों का संचालन करते हैं।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अपील की कि लाइसेंसिंग व्यवस्था में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए उचित संशोधन किए जाएं। इस पर अटॉर्नी जनरल ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले में जरूरी कदम उठाएगी।
इस फैसले से यह स्पष्ट हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा मानते हुए सभी पहलुओं पर विचार किया है और एक संतुलित निर्णय लिया है। यह निर्णय सड़क सुरक्षा से संबंधित सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।