अमृतसर में बड़ा खुलासा: पाकिस्तानी ISI से जुड़े आतंकियों का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने आतंक और फिरौती वसूली के नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन से चल रहे एक आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह नेटवर्क बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े आतंकी जीवन फौजी के इशारों पर काम कर रहा था। पुलिस ने इस केस में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है — करजप्रीत सिंह (निवासी वेरोवाल, तरनतारन) और गुरलाल सिंह उर्फ हरमन (निवासी गोइंदवाल साहिब, तरनतारन)।
क्या था पूरा मामला?
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि जीवन फौजी, जो BKI का सक्रिय सदस्य है, पंजाब के बॉर्डर जिलों में फिरौती वसूली के लिए आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा था। वह कनाडा में रह रहे एक व्यक्ति से फिरौती वसूलना चाहता था, जो अमृतसर में एक फर्नीचर शोरूम के मालिक का रिश्तेदार है।
जीवन फौजी ने अपने साथियों करजप्रीत और गुरलाल को .30 बोर की पिस्तौल दी थी और उन्हें अमृतसर स्थित उस फर्नीचर शोरूम पर गोली चलाने के निर्देश दिए थे। यह घटना लोगों को डराने और फिरौती वसूलने के लिए अंजाम दी गई थी।
पुलिस पर हमला, जवाबी कार्रवाई में एक घायल
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस टीम गुरलाल सिंह को साथ लेकर वारदात में इस्तेमाल हुई पिस्तौल की बरामदगी के लिए गई, तो गुरलाल ने पुलिस पार्टी पर फायर करने की कोशिश की। खुद को बचाने के लिए पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें गुरलाल सिंह के पैर में गोली लग गई। उसे तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल, अमृतसर में भर्ती कराया गया।
आगे की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और पूरे आतंक नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए जांच जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे होंगे और अन्य शामिल लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
पंजाब पुलिस का बड़ा संदेश
@PunjabPoliceInd ने इस कार्रवाई के बाद साफ कर दिया है कि राज्य में किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस लगातार आतंकवाद से जुड़े मॉड्यूल्स को तोड़ने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।
इस घटना से साफ है कि विदेश में बैठे आतंकी अब भी पंजाब को अस्थिर करने की साजिशें रच रहे हैं, लेकिन पंजाब पुलिस की सतर्कता के चलते उनके मंसूबे नाकाम हो रहे हैं। ऐसे कड़े कदमों से आम जनता में भरोसा बढ़ता है और यह दिखाता है कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।