
पटियाला पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए 150 से ज्यादा नशा तस्करों की फर्जी ज़मानत कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 4 नकली सरकारी मोहरें, 22 फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, एक सैमसंग टैब और मेमोरी कार्ड बरामद किए गए हैं।
एसएसपी वरुण शर्मा ने प्रेस नोट में बताया कि यह कार्रवाई डीजीपी गौरव यादव के निर्देशों पर नशा विरोधी अभियान के तहत की गई। गिरोह का मास्टरमाइंड रेनू कांथ नाम का व्यक्ति है, जो पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में संलिप्त रहा है।
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कैसे करते थे फर्जी ज़मानत?
गिरोह जेल में बंद अपराधियों की फर्जी ज़मानत के लिए नकली दस्तावेज तैयार करता था। असली व्यक्ति की जगह अपने गिरोह के सदस्यों की फोटो लगाकर फर्जी कागज़ात बनाते थे।
ऑनलाइन ज़मीन की रिपोर्ट (फ़रद) निकालने के लिए तहसील से टोकन बुक कराते थे
फिर तहसीलदार और पटवारी की नकली मोहर और दस्तखत से रिपोर्ट तैयार करते
पंचायत सदस्यों के नकली पहचान पत्र बना कर उस पर B.D.P.O. की नकली मोहर भी लगाई जाती
यह सारे नकली दस्तावेज अदालत में पेश कर, नशा तस्करों की ज़मानत करवा दी जाती थी
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गुप्त सूचना से खुली पोल
19 जून को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि रेनू कांथ नाम का व्यक्ति अपने साथियों के साथ मिलकर जेल में बंद अपराधियों की ज़मानत के लिए फर्जी दस्तावेज बना रहा है। उसी दिन थाना लाहौरी गेट में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
20 और 21 जून को गिरोह के सभी 9 सदस्य पटियाला और भवानगढ़ से गिरफ्तार किए गए।
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गिरफ्तार आरोपी
1. रेनू कांथ, उम्र 35 वर्ष, निवासी पटियाला
2. सतपाल उर्फ सनी, उम्र 32, श्री मुक्तसर साहिब
3. गुरदीप उर्फ रवि, उम्र 28, पिंड दित्तूपुर, पटियाला
4. हाकम सिंह, उम्र 53, थाना सदर नाभा
5. कुलविंदर उर्फ रोहित, उम्र 22, भवानगढ़
6. संदीप उर्फ गग्गी, उम्र 21, संगतसर नगर
7. लवप्रीत उर्फ लवी, उम्र 23, भवानगढ़
8. धीरा सिंह, उम्र 29, संगतसर नगर
9. जगदीप उर्फ दीप, उम्र 24, संगतसर नगर
इनके पास से नकली दस्तावेज बनाने का सामान, एक कार और अन्य जरूरी सबूत भी बरामद किए गए हैं।
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जांच जारी, और गिरफ़्तारियां संभव
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया है। पूछताछ में और नाम सामने आ सकते हैं, जिनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
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नकली ज़मानतों से बढ़ा अपराध
इस गिरोह ने 150 से ज्यादा नशा तस्करों और अन्य अपराधियों की ज़मानत करवाई, जिससे वे जेल से छूटकर फिर से अपराध में सक्रिय हो गए। यह न केवल न्याय प्रणाली के लिए खतरा है, बल्कि नशे के खिलाफ लड़ाई को भी कमजोर करता है।
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पटियाला पुलिस की यह कार्रवाई बेहद अहम मानी जा रही है। नकली दस्तावेज़ों से अपराधियों को बचाने वाले ऐसे गिरोहों पर नकेल कसने से कानून व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।
पुलिस का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है, जांच जारी है और और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।