शेयर बाजार में बड़ी गिरावट: सैंसेक्स 1,200 अंक गिरा
21 जनवरी, मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। सोमवार के शानदार उछाल के बाद, मंगलवार को बाजार ने गिरावट की दिशा में रुख किया। कारोबार की शुरुआत में बाजार में तेजी थी, लेकिन धीरे-धीरे सैंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट आ गई और अंत में दोनों प्रमुख सूचकांकों ने भारी नुकसान दर्ज किया। सैंसेक्स 1,235 अंक गिरकर 75,838.36 के स्तर पर बंद हुआ, जो कि 1.60% की गिरावट को दर्शाता है। वहीं, निफ्टी 320 अंक गिरकर 23,024.65 पर बंद हुआ, जो 1.37% की गिरावट को दिखाता है।
सांसद की चिंता और विदेशी व्यापार नीति के संकेत
बाजार में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विदेशी व्यापार दरों में वृद्धि के संकेत दिए जाने को माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन द्वारा व्यापार दरों में वृद्धि का संकेत देना बाजार के लिए एक चिंता का विषय है। विशेष रूप से कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ की संभावना ने निवेशकों के मन में अस्थिरता का डर पैदा किया। इस स्थिति ने भारतीय शेयर बाजारों पर दबाव डाला, जिससे व्यापक गिरावट आई।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट
न केवल बड़े शेयरों में गिरावट आई, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी भारी नुकसान हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 958 अंक की गिरावट आई, जो 1.74% की कमी को दर्शाता है। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 304 अंक गिरकर 17,561 के स्तर पर बंद हुआ, जो 1.7% की गिरावट का संकेत है। इसके अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कुल 1,828 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 684 शेयर हरे निशान में थे, जिससे बाजार का समग्र रुझान नकारात्मक रहा।
बाजार की शुरुआत और बीच में आए उतार-चढ़ाव
मंगलवार को बाजार ने शुरुआत में हल्की तेजी दिखाई थी। सैंसेक्स में 111 अंक और निफ्टी में लगभग 50 अंक का उछाल देखा गया था। लेकिन, इसके बाद बाजार में गिरावट की शुरुआत हुई। शुरुआती कारोबार में सैंसेक्स 44 अंक तक चढ़ने में कामयाब हुआ था, वहीं निफ्टी 23,400 के स्तर के आसपास था। इस दौरान बैंकर शेयरों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
अमेरिकी व्यापार नीति का असर भारतीय शेयर बाजार पर
ट्रंप प्रशासन के संकेतों ने भारतीय शेयर बाजार में बेचैनी का माहौल बना दिया। अमेरिका द्वारा संभावित टैरिफ बढ़ोतरी की नीति ने भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया, खासकर उन कंपनियों को, जो विदेशों में बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ काम कर रही हैं। ट्रंप के विदेश व्यापार को लेकर निर्णयों की स्पष्टता न होने के कारण निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह
इस दिन की गिरावट ने भारतीय निवेशकों को सतर्क कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में यदि अमेरिका के व्यापारिक फैसलों में कोई नया बदलाव आता है, तो भारतीय शेयर बाजार पर और भी दबाव पड़ सकता है। इसलिए, निवेशकों को दीर्घकालिक रणनीति अपनाते हुए सतर्क रहना चाहिए।कुल मिलाकर, 21 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार ने बड़े नुकसान का सामना किया, जिसकी वजह से न केवल बड़े शेयर बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टर भी प्रभावित हुए। ट्रंप प्रशासन के व्यापार नीति के संकेतों ने बाजार में अस्थिरता का माहौल उत्पन्न किया, जो निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन गया है।