आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर सोमवार को अपना चुनावी मेनिफेस्टो जारी करने की घोषणा की है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को दोपहर 12 बजे इस मेनिफेस्टो को जारी करेंगे। पार्टी का यह मेनिफेस्टो उनकी आगामी योजनाओं और दृष्टिकोण को जनता के सामने रखेगा।
मुफ्त सेवाओं पर रहेगा जोर
AAP का मेनिफेस्टो एक बार फिर जनता को मुफ्त सेवाओं के भरोसे पर केंद्रित हो सकता है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इस बार भी मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और बिजली जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। संभावित घोषणाओं में हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण मुफ्त शिक्षा, सभी नागरिकों को मुफ्त इलाज, हर घर को मुफ्त पानी और बिजली का वादा शामिल हो सकता है।
इसके अलावा, बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा और महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक सम्मान राशि देने की घोषणा की संभावना है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई योजनाएं भी मेनिफेस्टो का हिस्सा हो सकती हैं।
बीजेपी का ‘संकल्प पत्र पार्ट-3’
शनिवार को बीजेपी ने अपना ‘संकल्प पत्र पार्ट-3’ जारी किया, जिसमें दिल्ली के विकास को लेकर कई वादे किए गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे जारी करते हुए दिल्ली को विश्वस्तरीय राजधानी बनाने का दावा किया। हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे ‘खोखले वादों का पुलिंदा’ बताया।
चुनाव की तैयारी जोरों पर
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा, और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष, 71.74 लाख महिलाएं, और 1,261 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
दिल्ली में पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 2.08 लाख है, जबकि युवा मतदाता 25.89 लाख हैं। ऐसे में सभी पार्टियां युवा और पहली बार के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही हैं।
दिल्ली में चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। हालांकि, पिछले चुनावों में कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही है। बीजेपी और AAP के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
आम आदमी पार्टी एक बार फिर अपने ‘काम की राजनीति’ और मुफ्त सेवाओं के वादों के सहारे जनता का विश्वास जीतने की कोशिश करेगी। वहीं, बीजेपी विकास और राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतर रही है।
जनता का मूड क्या है?
दिल्ली के मतदाता इस बार किसे सत्ता सौंपेंगे, यह तो 8 फरवरी को पता चलेगा। लेकिन दोनों प्रमुख दलों के वादों और रणनीतियों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना समर्थन देती है।