
पंजाब को नशा मुक्त बनाने की दिशा में आज एक अहम कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने आज नवांशहर से ‘नशा मुक्ति यात्रा’ की शुरुआत करेंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसे एक जनआंदोलन का रूप देने का फैसला किया है, जिसे ‘महा जनसंपर्क अभियान’ नाम दिया गया है।
इस यात्रा का उद्देश्य नशे के खिलाफ पूरे पंजाब में जागरूकता फैलाना और हर गाँव, हर वार्ड तक इसका संदेश पहुँचाना है। सरकार ने ऐलान किया है कि इस अभियान के तहत हर दिन 351 गाँवों में ग्राम सभाएं होंगी। ये सभाएं नशे के खिलाफ होंगी, जहाँ लोगों को जागरूक किया जाएगा कि नशा कैसे समाज और युवाओं को बर्बाद कर रहा है।
इसके साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र के तीन गाँवों में प्रतिदिन ऐसी सभाएं आयोजित की जाएंगी। सरकार का लक्ष्य है कि यह यात्रा 15,000 से अधिक गाँवों और वार्डों तक पहुँचे, जिससे अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें और इस बुराई के खिलाफ खड़े हों।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं है, बल्कि पंजाब को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस यात्रा में हिस्सा लें और अपने-अपने क्षेत्रों में नशे के खिलाफ आवाज़ उठाएं।
इस अभियान के साथ-साथ सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी शुरू कर दी है। अब तक 86 नशा तस्करों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। यह साफ संकेत है कि सरकार अब नशे के कारोबार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी।
इसके अलावा, पुलिस की कार्रवाई में अब तक 75 नशा तस्कर एनकाउंटर में घायल हो चुके हैं और अब वे पुलिस की हिरासत में हैं। यह सरकार की ओर से एक बड़ा संदेश है कि नशे के सौदागरों के लिए पंजाब में कोई जगह नहीं है।
सरकार का मानना है कि जब तक समाज खुद जागरूक नहीं होगा, तब तक नशे की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं की जा सकती। इसलिए इस यात्रा को जन-आंदोलन का रूप दिया जा रहा है, जिसमें आम लोग, छात्र, शिक्षक, पंचायतें और सामाजिक संगठन शामिल होंगे।
इस अभियान से उम्मीद की जा रही है कि पंजाब में नशे के खिलाफ एक मजबूत वातावरण बनेगा और आने वाले समय में राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने का सपना साकार होगा।