पंजाब सरकार मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के दिशा-निर्देशों के तहत, राज्य में दिव्यांगजनों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। इसके तहत, विभाग ने राइट्स ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटी (आर.पी.डब्ल्यू.डी.) एक्ट, 2016 की धारा-23 के तहत शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किए हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि प्रदेश के दिव्यांगजन किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हों, तो अब उन्हें समाधान के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। हर विभाग, बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय और सरकारी संस्थान में स्टाफ स्तर पर शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य दिव्यांगजनों को एक समान और सशक्त वातावरण प्रदान करना है, जहां उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके।
भेदभाव और बाधाओं का समाधान
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि नियुक्त अधिकारी दिव्यांगजनों की नौकरी, पदोन्नति और भेदभाव से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करेंगे। इसके अलावा, कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की बाधा के समाधान के लिए भी अधिकारी जिम्मेदार होंगे। शिकायत प्राप्त होने के बाद अधिकारी को दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी करनी होगी और उचित कार्रवाई करनी होगी।
प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायतों के निपटारे में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। इसके लिए रिकॉर्ड रखने की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जाए, ताकि शिकायतों का सही समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश
डॉ. बलजीत कौर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी विभागों और संस्थानों में नियुक्त शिकायत निवारण अधिकारियों के नाम और संपर्क नंबर एक महीने के भीतर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा, शिकायत निवारण अधिकारियों की टेलीफोन डायरेक्टरी जल्द तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि दिव्यांगजनों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तुरंत संपर्क साधने में कोई परेशानी न हो।
दिव्यांगजनों के लिए एक नई उम्मीद
पंजाब सरकार की यह पहल दिव्यांगजनों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है। इससे न केवल उनकी शिकायतों का जल्द समाधान होगा, बल्कि उनके जीवन को बेहतर और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा योगदान होगा। सरकार का यह कदम राज्य में दिव्यांगजनों को समानता और गरिमा प्रदान करने के संकल्प को और मजबूत करता है।
इस योजना से स्पष्ट है कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।