मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात भगदड़ की घटना के बाद, रेलवे ने भीड़ प्रबंधन और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ बड़े फैसले लिए हैं। सेंट्रल रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), दादर, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, ठाणे, कल्याण, पुणे और नागपुर सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया गया है। इसका उद्देश्य त्योहारों के दौरान स्टेशनों पर भीड़ का प्रबंधन करना है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू है और 8 नवंबर तक जारी रहेगा।
प्लेटफॉर्म टिकट पर अस्थायी प्रतिबंध
त्योहारी सीजन में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ जाती है, विशेषकर दिवाली और छठ पूजा के समय जब बड़ी संख्या में लोग अपने घर लौटते हैं। इस बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला लिया है। यह रोक स्टेशनों के प्लेटफॉर्म और परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिबंध मुख्य रूप से स्टेशनों पर भीड़ के नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। इससे यात्रियों के परिवहन और प्लेटफार्मों पर उनकी आवाजाही को सुचारू बनाया जा सकेगा। हालांकि, यह निर्णय वरिष्ठ नागरिकों और चिकित्सा जरूरतों वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और इन्हें इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
बांद्रा टर्मिनस पर भगदड़ की घटना
बांद्रा टर्मिनस पर शनिवार रात को हुई भगदड़ की घटना के बाद रेलवे ने यह कड़ा कदम उठाया। बांद्रा-गोरखपुर एक्सप्रेस, जो पहले सुबह 5:10 बजे रवाना होने वाली थी, उसे पुनर्निर्धारित कर देरी से रवाना किया गया। गाड़ी लगभग रात 3:30 बजे प्लेटफार्म पर पहुंची, जिसके कारण प्लेटफॉर्म पर काफी भीड़ जमा हो गई थी। जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची, जनरल बोगी में चढ़ने के लिए यात्रियों में भगदड़ मच गई।
हादसे में 10 यात्री घायल
इस भगदड़ में करीब 10 यात्री घायल हो गए, जिनमें से दो की स्थिति गंभीर है। कई यात्रियों को फ्रैक्चर और अन्य चोटें आई हैं, जिनमें से कुछ को पैर और कमर में गंभीर चोटें आईं। आनन-फानन में घायलों को भाभा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो घायलों को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
रेलवे के अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि साप्ताहिक ट्रेन बांद्रा-गोरखपुर एक्सप्रेस की देरी के कारण यह हादसा हुआ। यात्रियों में जल्दबाजी और भीड़भाड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर जनरल बोगी में चढ़ने के दौरान धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। सुबह 5:10 बजे के आसपास स्थिति नियंत्रण में आई और ट्रेन अपने निर्धारित समय पर रवाना हो गई।
रेलवे का बयान और भीड़ नियंत्रण उपाय
रेलवे अधिकारियों ने घटना के बाद अपने बयान में कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने प्रमुख स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं। रेलवे ने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या में वृद्धि होती है और यह हादसा बढ़ती भीड़ का ही नतीजा है। उन्होंने बताया कि विशेष सुरक्षा उपायों के तहत रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर अस्थायी रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। यह प्रतिबंध यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की दिशा में एक एहतियाती कदम है।
यात्रियों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए अन्य कदम
रेलवे ने अपने बयान में कहा कि वे त्योहारी सीजन में यात्रियों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ और सुरक्षा एजेंसियों को तैनात कर रहे हैं। इसके अलावा, रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है और सुरक्षा जांच को और कड़ा किया गया है। रेलवे ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और किसी भी स्थिति में धैर्य रखें।
प्लेटफॉर्म टिकट पर प्रतिबंध लगाने से उन लोगों की भीड़ में कमी आएगी, जो यात्रियों के साथ उन्हें विदा करने या स्वागत करने के लिए स्टेशन पहुंचते हैं। इसके चलते प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा और स्टेशन परिसर में यातायात को बेहतर बनाया जा सकेगा। इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ का दबाव कम होगा और किसी भी प्रकार की भगदड़ जैसी अप्रिय घटना से बचा जा सकेगा।
मुंबई के बांद्रा टर्मिनस पर हुई भगदड़ की घटना ने त्योहारी सीजन में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की जरूरत को फिर से उजागर किया है। रेलवे द्वारा प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट पर अस्थायी प्रतिबंध और अन्य सुरक्षा उपाय यात्रियों की सुरक्षा के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाते हैं। यह कदम यात्रियों को सुचारू यात्रा अनुभव प्रदान करने और स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने में सहायक होगा। त्योहारों के समय में यात्रा के दौरान धैर्य बनाए रखना और रेलवे के निर्देशों का पालन करना सभी यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है।