पंजाब सरकार का बड़ा कदम: मृत पेंशनरों के खातों में पेंशन रोकने के लिए ‘एम सेवा’ ऐप लॉन्च
पंजाब सरकार ने पेंशनरों से संबंधित एक बड़ी समस्या के समाधान के लिए अहम कदम उठाया है। राज्य में मृत पेंशनरों के खातों में पेंशन भेजे जाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने ‘एम सेवा’ ऐप लॉन्च करने का फैसला किया है। इस ऐप के जरिए हर पेंशनर की उनके घर जाकर पुष्टि की जाएगी और उनकी लाइव फोटो लेकर ऐप पर अपलोड की जाएगी।
मृत पेंशनरों के नाम तुरंत हटाए जाएंगे
जांच के दौरान यदि कोई पेंशनर मृत पाया गया तो उसका नाम तुरंत पेंशन सूची से हटा दिया जाएगा। यह प्रक्रिया एक व्यापक सर्वेक्षण के तहत की जाएगी। इस सर्वेक्षण के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइज़र हर गांव में जाकर घर-घर जांच करेंगे। उनके मोबाइल पर ‘एम सेवा’ ऐप पहले से इंस्टॉल किया गया है, जिसके जरिए यह काम किया जाएगा।
सर्वेक्षण की शुरुआत
सरकार के अनुसार, यह सर्वेक्षण नए साल से शुरू हो गया है। सबसे पहले पंजाब के 12,581 गांवों में सर्वे किया जाएगा। इसके बाद शहरी क्षेत्रों में यह सर्वे स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से पूरा किया जाएगा।
पुरानी समस्याओं का समाधान
पंजाब सरकार ने यह फैसला उन मृत पेंशनरों के खातों में पेंशन भेजे जाने की घटनाओं को रोकने के लिए लिया है, जिनकी मृत्यु की सूचना उनके परिजनों द्वारा विभाग को नहीं दी गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, 2022 से नवंबर 2024 तक 1,39,836 पेंशनरों की मृत्यु हुई, लेकिन उनके खातों में 138.78 करोड़ रुपये की पेंशन भेजी जाती रही।
मृत पेंशनरों की पहचान और वसूली में कठिनाई
सरकार को मृत पेंशनरों के खातों में जमा हुई पेंशन राशि की वसूली के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। परिजनों द्वारा समय पर सूचना न दिए जाने के कारण सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
सरकार का उद्देश्य
पंजाब सरकार का उद्देश्य इस नई पहल के माध्यम से पेंशन प्रणाली में पारदर्शिता लाना और मृत पेंशनरों के नाम जल्द से जल्द सूची से हटाकर सरकारी खजाने को नुकसान से बचाना है।
सर्वेक्षण का दायरा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया सभी गांवों और शहरी क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रक्रिया को समय पर और सही तरीके से पूरा करें।
‘एम सेवा’ ऐप के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल जीवित और पात्र पेंशनरों को ही पेंशन का लाभ मिले। सरकार का यह कदम न केवल पेंशन प्रणाली को सुव्यवस्थित करेगा, बल्कि राज्य की वित्तीय स्थिति को भी मजबूत करेगा।