पंजाब में बच्चों को भीख मांगने से बचाने के लिए सरकार का बड़ा कदम,
पंजाब में बच्चों को भीख मांगने से बचाने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के समाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी कि पंजाब सरकार बच्चों की भलाई और सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुआई में राज्य सरकार बच्चों के बचपन को सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठा रही है।
2024 के दौरान विभाग द्वारा कुल 713 रीड्स (छापे) किए गए, जिनमें से 261 बच्चों को भीख मांगने के काम से मुक्त कराया गया। इन बच्चों को रेस्क्यू करते हुए सबसे ज्यादा मामले जिलों बठिंडा, फरीदकोट, लुधियाना और गुरदासपुर में सामने आए। यह कार्रवाई राज्य में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने बच्चों की भलाई के लिए कई कठोर कानूनी प्रावधान किए हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा 76 के तहत किसी व्यक्ति द्वारा बच्चे को भीख मांगने के लिए इस्तेमाल करने पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति द्वारा बच्चे को भीख मांगने के लिए अंग काटे जाते हैं, तो उस पर दस साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, पंजाब भीख माफी रोकथाम एक्ट 1971 के तहत 16 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को बच्चा माना जाता है, और इस एक्ट के अनुसार जो भी व्यक्ति बच्चों को भीख मांगने में शामिल करेगा, उसे तीन साल की सजा हो सकती है।
राज्य सरकार ने बच्चों को भीख मांगने से बचाने के लिए ‘प्रोजेक्ट जीवनजोत’ शुरू किया है। इस परियोजना के तहत, विभिन्न विभागों के साथ मिलकर बच्चों को भीख मांगने से बचाया जा रहा है और उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें शिक्षा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन बच्चों का कोई सहारा नहीं था, उन्हें बाल गृहों में भेजा गया है, जहां उन्हें पढ़ाई, खाना और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
इसके साथ ही, जिन बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने की जरूरत थी, उन्हें बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत, 18 बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम का लाभ दिया गया, 105 बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलवाया गया और 3 बच्चों को आंगनवाड़ी में भर्ती किया गया।
मंत्री ने कहा कि विभाग बच्चों की निगरानी भी कर रहा है, ताकि वे फिर से भीख मांगने के कार्य में शामिल न हो सकें। इसके साथ ही, बच्चों को पढ़ाई जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत, 74% बच्चों का फॉलो-अप लिया जा चुका है।
मंत्री ने लोगों से अपील की कि वे भीख मांगने वाले बच्चों को भीख न दें और ऐसे बच्चों के बारे में नजदीकी बाल कल्याण समिति या जिला बाल सुरक्षा यूनिट को जानकारी दें, ताकि उनकी मदद की जा सके और उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
इस पहल के तहत, पंजाब सरकार बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जिससे बच्चों का भविष्य बेहतर और सुरक्षित हो सके।