
पंजाब पुलिस और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता की खबर सामने आई है। अमेरिका में रहने वाला खालिस्तानी आतंकवादी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया, जो कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का सक्रिय सदस्य था, 17 अप्रैल 2025 को अमेरिका के सैक्रामेंटो शहर में गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई को FBI और अमेरिकी इमीग्रेशन एजेंसी ICE ने अंजाम दिया।
भारत-अमेरिका के सहयोग से मिली सफलता
इस गिरफ्तारी को भारत और अमेरिका के बीच चल रही मजबूत इंटेलिजेंस साझेदारी और तालमेल का परिणाम माना जा रहा है। पंजाब पुलिस ने लगातार केंद्र सरकार की एजेंसियों और अमेरिकी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की, जिससे ये कार्रवाई संभव हो पाई।
हैप्पी पासिया की भूमिका
2023 से 2025 के बीच हैप्पी पासिया ने पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में कई टारगेट किलिंग (सुनियोजित हत्याएं), ग्रेनेड हमले, पुलिस थानों पर धमाके और फिरौती वसूलने जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया। वह पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के सीधे संपर्क में था और उसी के इशारों पर भारत में दहशत फैलाने की साजिशों को अंजाम दे रहा था।
पंजाब में मचाई थी दहशत
पिछले दो सालों में पंजाब में हुए कई ग्रेनेड हमलों और आतंकी गतिविधियों की योजना हैप्पी पासिया ने ही बनाई थी। वह तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वर्चुअल नेटवर्क बनाकर युवाओं को उकसाता था और उन्हें आतंकी हमलों के लिए तैयार करता था। उसके खिलाफ NIA ने 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
अमेरिका में छिपकर कर रहा था काम
गिरफ्तारी से बचने के लिए हैप्पी पासिया बर्नर फोन और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहा था। वह गैर-कानूनी रूप से अमेरिका में रह रहा था और वहां से बैठकर भारत में आतंक फैलाने की साजिशें रच रहा था।
क्या है इसका मतलब?
इस गिरफ्तारी के साथ ISI समर्थित आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। यह संदेश भी गया है कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कोई भी अपराधी दुनिया के किसी भी कोने में छिपा हो, वह कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।
पंजाब पुलिस का संकल्प
पंजाब पुलिस ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता है कि हर नागरिक को सुरक्षा मिले, आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाए और पंजाब को शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ाया जाए।
हैप्पी पासिया की गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधी जीत है। इससे यह भी साफ होता है कि जब दो देश आपसी सहयोग से काम करते हैं, तो आतंकवाद जैसी वैश्विक समस्या से भी मजबूती से निपटा जा सकता है। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि उसे भारत लाकर आगे क्या-क्या खुलासे किए जाएंगे और कितने और आतंकी नेटवर्क इससे उजागर होंगे।