Bihar – मारुति सुजुकी का बिहार सरकार के साथ समझौता, पांच जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की स्थापना
जानी-मानी वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने बिहार के भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण जिलों में ‘ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षण ट्रैक’ को स्वचालित करने के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता किया है। कंपनी का उद्देश्य इन परीक्षण ट्रैकों के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और कुशल बनाना है।
स्वचालित ट्रैक का उद्देश्य
मारुति सुजुकी ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा कि इन ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैकों (एडीटीटी) की स्थापना से मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। इससे लाइसेंस परीक्षण प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित होगी और सड़क पर जिम्मेदार ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी का मानना है कि यह कदम सड़क सुरक्षा के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
औरंगाबाद में बना था पहला आईडीटीआर
मारुति सुजुकी ने बिहार सरकार के साथ अपनी साझेदारी की शुरुआत 2018 में की थी, जब औरंगाबाद में पहला ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च’ (आईडीटीआर) स्थापित किया गया था। इसके बाद 2020 में औरंगाबाद और 2021 में पटना में स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक का शुभारंभ किया गया। अब पांच नए जिलों में इस परियोजना का विस्तार किया जा रहा है।
परिवहन मंत्री शीला कुमारी का बयान
बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने इस साझेदारी की सराहना करते हुए इसे सड़क सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा, “मारुति सुजुकी और बिहार सरकार का यह संयुक्त प्रयास सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।” मंत्री ने मारुति सुजुकी की सड़क सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और उनके राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों की सराहना की।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी का प्रयास
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2014 से 2023 के बीच सड़क हादसों में 15.3 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई। इस पृष्ठभूमि में, बिहार सरकार और मारुति सुजुकी का यह प्रयास राज्य में सड़क हादसों को कम करने और ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है।
भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की स्थापना से बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी। इसके साथ ही, यह राज्य में सड़क सुरक्षा में सुधार और जिम्मेदार ड्राइविंग संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करेगा। मारुति सुजुकी का यह प्रयास देशभर में सड़क सुरक्षा के प्रति उनके योगदान को और मजबूत करता है।