बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 13 दिसंबर 2024 को आयोजित इस परीक्षा के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं, और वे इसे रद्द कर दोबारा परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। इस विरोध के चलते पटना में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
क्या है विवाद की मुख्य वजह?
छात्रों का कहना है कि परीक्षा में कई गड़बड़ियां हुईं, और पेपर लीक की घटनाएं सामने आईं। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
1. परीक्षा रद्द और पुनः आयोजन: छात्रों ने पूरी परीक्षा प्रक्रिया को रद्द कर फिर से पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है।
2. नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया: छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और इसका गणितीय मॉडल सार्वजनिक किया जाए।
3. दोषियों पर कार्रवाई: पेपर लीक के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
4. लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई: विरोध के दौरान छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की मांग है।
प्रदर्शन और बढ़ता विवाद
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी आवाज को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया। पटना के गांधी मैदान इलाके में छात्रों की भीड़ पर कई बार लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इसके अलावा, जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित 21 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन पर छात्रों को उकसाने और हंगामा कराने का आरोप लगाया गया है।
बीपीएससी का पक्ष
बीपीएससी ने छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई थी। आयोग ने छात्रों से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटने की अपील की है। आयोग का कहना है कि यदि कोई अनियमितता के सबूत प्रस्तुत करता है, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक दलों का समर्थन
छात्र आंदोलन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। विपक्षी दलों ने सरकार पर छात्रों की समस्याओं को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। इन दलों का कहना है कि यदि परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है, तो सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
सरकार का बयान
बिहार सरकार ने कहा है कि परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता के सबूत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने छात्रों से शांति बनाए रखने और अपनी शिकायतों को सबूतों के साथ प्रस्तुत करने की अपील की है।
छात्रों का रुख
छात्र फिलहाल शांत नहीं हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
BPSC परीक्षा विवाद ने बिहार में एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। जहां छात्र अपने अधिकारों और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं, वहीं आयोग और सरकार का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष थी। अब यह देखना होगा कि सरकार और आयोग छात्रों की मांगों को लेकर क्या कदम उठाते हैं।