
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सहकारी बैंकों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने बैंकों के कामकाज और उनकी प्रगति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सहकारी बैंकों की कारगुज़ारी में और सुधार लाने के लिए ठोस और तेज़ कदम उठाए जाएं।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विस्तार से रिपोर्ट मांगी कि किस तरह से बैंकों ने किसानों, छोटे व्यापारियों और ग्रामीण जनता को वित्तीय सहायता प्रदान की है। उन्होंने यह भी पूछा कि किन योजनाओं से ज़मीन स्तर पर लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री मान ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बैंकिंग सिस्टम को पारदर्शी और जन-हितैषी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार या लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कोई बैंक अधिकारी जनता को सुविधा देने की बजाय परेशान करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को ऋण देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा दिया जाए ताकि लोग आसानी से सेवाओं का लाभ ले सकें। मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों की अहम भूमिका को स्वीकारते हुए कहा कि ये बैंक ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं, और इनका मज़बूत होना प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए ज़रूरी है।
बैठक का उद्देश्य सहकारी बैंकों को और अधिक प्रभावशाली बनाना तथा जनता का उन पर भरोसा और मजबूत करना था। पंजाब सरकार इन बैंकों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और लोगों तक आसान सेवाएं पहुंचाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।