
भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तान ने आखिरकार रिहा कर भारत को लौटा दिया है। पीके साहू गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया था। 23 अप्रैल 2025 को वह ड्यूटी के दौरान नियंत्रण रेखा पार कर गए थे और अब लगभग 20 दिन बाद 13 मई को उनकी सुरक्षित घर वापसी हुई है।
बीएसएफ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि जवान पीके साहू अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत वापस आए। यह वही दिन था जब पूरा देश इस चिंता में था कि गलती से सरहद पार कर गए इस जवान की रिहाई कब होगी। पीके साहू की वापसी पर न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा देश खुश है।
पीके साहू पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। जब यह घटना घटी, तो उनके परिवार, खासकर उनकी पत्नी रजनी साहू, बेहद परेशान थीं। वे पति की सुरक्षित रिहाई के लिए चंडीगढ़ पहुंचीं और वहां बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई थी।
इस दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हालात और भी ज्यादा बिगड़ गए थे। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस हमले के जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया और पाकिस्तान व पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, पीके साहू की रिहाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और पाकिस्तान ने उन्हें मानवीय आधार पर भारत को सौंप दिया।
भारत सरकार और बीएसएफ की तरफ से जवान की वापसी पर संतोष जताया गया है। यह घटना इस बात की मिसाल बन गई है कि भले ही दोनों देशों के बीच कितनी भी तनातनी क्यों न हो, इंसानियत और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन जरूरी है।
पीके साहू की वापसी ने उनके परिवार के साथ-साथ पूरे देश को राहत दी है। अब सभी यही उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे हादसे दोबारा न हों और हमारे जवान हर समय सुरक्षित रहें। इस घटना ने देशवासियों के दिलों में बीएसएफ के प्रति गर्व और सम्मान की भावना को और मजबूत कर दिया है।