नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र कई अहम मुद्दों और सियासी उठापटक का गवाह बनने वाला है। पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी और मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ भविष्य की योजनाओं का खाका पेश करेंगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और आगे की चुनौतियों पर प्रकाश डाला जाएगा।
वित्त मंत्री शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां आम बजट पेश करेंगी। यह बजट आधारभूत संरचना, समाज कल्याण और कर सुधारों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बजट के जरिए आधी आबादी को साधने, मध्य वर्ग को राहत देने और ‘विकसित भारत’ के संकल्प को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
संसद में गूंजेंगे कई मुद्दे, विपक्ष हमलावर
संसद का यह बजट सत्र हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। विपक्ष ने दिल्ली विधानसभा चुनाव, महाकुंभ हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत और वक्फ संशोधन बिल को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) पर वक्फ विधेयक की रिपोर्ट तैयार करने में मनमानी का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को “असली आजादी” बताने पर भी संसद में चर्चा की मांग की है।
बजट सत्र में पेश होंगे कई अहम विधेयक
सरकार की योजना बजट सत्र के पहले चरण में वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की है। इसके अलावा, विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, और आव्रजन व विदेशी विधेयक भी इस सत्र में चर्चा के लिए रखे जाएंगे। वित्त विधेयक 2025 और अनुदान मांगों से जुड़े विधेयकों को भी पेश किया जाएगा।
मोदी सरकार के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण बजट?
आर्थिक मोर्चे पर इस बजट को मोदी सरकार के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए बजट में क्या नए कदम उठाए जाएंगे, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। सरकार को जहां उद्योग और व्यापार जगत को प्रोत्साहित करने की जरूरत होगी, वहीं मध्यम वर्ग और किसानों के लिए भी राहत देने के उपायों की अपेक्षा की जा रही है।
बजट सत्र का कार्यक्रम
बजट सत्र दो चरणों में आयोजित होगा। पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक होगा। सोमवार से दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी, जिसमें सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है।
संसद का यह बजट सत्र आर्थिक योजनाओं और राजनीतिक विवादों के बीच संतुलन साधने की बड़ी चुनौती लेकर आया है। जहां एक ओर मोदी सरकार देश की आर्थिक दिशा तय करेगी, वहीं दूसरी ओर विपक्ष अपने मुद्दों को लेकर संसद में सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है।