
दिल्ली के अशोक विहार इलाके के जेलरवाला बाग में सोमवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अवैध झुग्गियों को हटाने का अभियान चलाया। यह कार्रवाई DDA की जमीन पर बनी झुग्गियों को हटाने के लिए की गई है। इससे पहले भी इस इलाके में बुलडोजर चलाया जा चुका है, और बड़ी संख्या में लोगों को पक्के घरों में शिफ्ट भी किया गया है।
सुबह से शुरू हुई कार्रवाई
सुबह-सुबह DDA की टीम, बिजली विभाग और जेसीबी मशीनों के साथ जेलरवाला बाग पहुंची। यहां करीब 200 से अधिक झुग्गियों को गिराने की योजना बनाई गई। इससे पहले यहां लगभग 2100 झुग्गियां थीं, जिनमें से लगभग 1600 झुग्गीवासियों को DDA की तरफ से फ्लैट अलॉट कर दिए गए हैं।
कोर्ट से स्टे लाने वालों को राहत
जिन लोगों को घर नहीं मिला, उनमें से कई लोग कोर्ट गए और स्टे ऑर्डर लेकर आए। अब जिनके पास कोर्ट से कोई रोक नहीं है, उनकी झुग्गियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसी कारण इस बार किसी विरोध की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनाती की गई है।
AAP का विरोध, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का ऐलान
इस कार्रवाई का राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह गरीबों को उजाड़ रही है। AAP ने ऐलान किया है कि वे 29 जून को सुबह 10 बजे ‘चलो जंतर-मंतर’ नाम से एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पार्टी का कहना है कि दिल्ली की झुग्गी बस्तियों को अवैध बताकर बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा जा रहा है, जिससे हजारों गरीब परिवार बेघर हो रहे हैं। उन्होंने बीजेपी शासित सरकार पर गरीब विरोधी नीतियों का आरोप लगाया है।
सरकार का पक्ष
सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह पूरी कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। जिन लोगों को पात्र पाया गया है, उन्हें फ्लैट दिए जा चुके हैं। बाकी मामलों में कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
जेलरवाला बाग की यह कार्रवाई दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को लेकर चल रही विकास बनाम विस्थापन की बहस को फिर से उजागर करती है। जहां एक ओर सरकार इसे साफ-सफाई और विकास का हिस्सा बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे गरीबों के अधिकारों पर हमला मान रहा है।