पंजाब में बुलेट ट्रेन का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। दिल्ली से अमृतसर तक 465 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम तेजी से शुरू हो गया है। इसके लिए सर्वेक्षण कार्य और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जंगी स्तर पर चल रही है। इस हाई-स्पीड ट्रेन से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा।
दो घंटे में दिल्ली से अमृतसर का सफर
यह बुलेट ट्रेन औसतन 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी। दिल्ली और अमृतसर के बीच की 465 किलोमीटर की दूरी इस ट्रेन से सिर्फ 2 घंटे में पूरी की जा सकेगी। ट्रेन दिल्ली से बहादुरगढ़, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर होते हुए अमृतसर पहुंचेगी। इस रूट पर कुल 15 स्टेशन होंगे, जिनमें चंडीगढ़ भी शामिल है।
प्रोजेक्ट की लागत और जमीन अधिग्रहण
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर कुल 61,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसके लिए हरियाणा और पंजाब के 343 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसमें दिल्ली के 22, हरियाणा के 135 और पंजाब के 186 गांव शामिल हैं। पंजाब में मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 और तरनतारन व रूपनगर के 1-1 गांव शामिल होंगे।
सरकार ने प्रभावित किसानों को उनकी जमीन के लिए पर्याप्त मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। किसानों को उनके क्षेत्र के कलेक्टर रेट से पांच गुना अधिक राशि दी जाएगी। जमीन अधिग्रहण के लिए “IIMR” एजेंसी द्वारा प्रभावित गांवों के किसानों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं।
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा
यह बुलेट ट्रेन न केवल दिल्ली और अमृतसर के बीच का सफर तेज बनाएगी, बल्कि हरियाणा और पंजाब के कई प्रमुख शहरों और कस्बों को भी जोड़ेगी। इससे क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। ट्रेन के 15 स्टेशनों के जरिए इन स्थानों पर यात्रियों और माल ढुलाई की सुविधा बेहतर होगी।
क्या होगा फायदा?
- दिल्ली से अमृतसर की दूरी मात्र 2 घंटे में तय की जा सकेगी।
- 750 यात्री एक बार में इस ट्रेन से सफर कर सकेंगे।
- किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए कलेक्टर रेट से 5 गुना अधिक मुआवजा मिलेगा।
- पंजाब और हरियाणा में 343 गांवों के लोग सीधे तौर पर इस प्रोजेक्ट से लाभान्वित होंगे।
- इस प्रोजेक्ट से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।
परियोजना की प्रगति
सर्वेक्षण का कार्य तेज गति से जारी है। नई रेलवे लाइन के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में बैठकें आयोजित कर किसानों को परियोजना की अहमियत समझाई जा रही है। यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का आधार भी बनेगी।
पंजाब में बुलेट ट्रेन का सपना जल्द ही साकार होगा। इससे न केवल सफर तेज और सुविधाजनक होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। सरकार और प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा और समर्थन दिया जाए। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद पंजाब और हरियाणा में रिवहन का नया युग शुरू होगा।