कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। ट्रूडो ने कहा कि पार्टी का नया नेता चुने जाने के बाद वह प्रधानमंत्री का पद छोड़ देंगे। लिबरल पार्टी में नए नेता के चयन की दौड़ शुरू हो चुकी है, जिसमें कई नाम चर्चा में हैं। खास बात यह है कि इस दौड़ में भारतीय मूल के दो राजनेता भी शामिल हैं, जिनमें से एक कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बन सकता है।
भारतीय मूल के नेताओं के नाम
भारतीय मूल के जिन दो नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें एक हैं अनीता आनंद और दूसरे हैं जॉर्ज चहल।
अनीता आनंद
अनीता आनंद वर्तमान में कनाडा की परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं और इससे पहले वह रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। उनका जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय हैं—माता सरोज पंजाब से और पिता एस.वी. आनंद तमिलनाडु से। अनीता ने कोविड महामारी के दौरान प्रभावी काम करके लोकप्रियता हासिल की थी। उनके पास राजनीति का व्यापक अनुभव है और भारतीय मूल के लोगों के बीच उनकी छवि मजबूत मानी जाती है।
जॉर्ज चहल
दूसरे दावेदार हैं अल्बर्टा से लिबरल सांसद जॉर्ज चहल। वे पहले काउंसलर रह चुके हैं और विभिन्न समितियों में काम कर चुके हैं। वे सिख कॉकस के चेयरमैन और प्राकृतिक संसाधन स्थायी समिति के सदस्य हैं। जॉर्ज चहल ने हाल ही में ट्रूडो की नीतियों की आलोचना की थी और अपने नेतृत्व की मंशा स्पष्ट की थी।
अन्य प्रमुख दावेदार
क्रिस्टिया फ्रीलैंड
कनाडा की उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रह चुकी क्रिस्टिया फ्रीलैंड को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव और वित्तीय विशेषज्ञता उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य बनाती है।
मार्क कार्नी
बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी भी इस पद के प्रबल दावेदार हैं। उनकी वित्तीय विशेषज्ञता और आर्थिक रणनीतियां उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं।
डॉमिनिक लेब्लैंक
लिबरल कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री डॉमिनिक लेब्लैंक, जो ट्रूडो के करीबी माने जाते हैं, भी दौड़ में हैं। वर्तमान में वह वित्त मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं।
मेलानी जोली और फ्रांस्वा-फिलिप शैंपेन
विदेश मंत्री मेलानी जोली और व्यापार विशेषज्ञ फ्रांस्वा-फिलिप शैंपेन का नाम भी इस सूची में शामिल है।
क्रिस्टी क्लार्क
ब्रिटिश कोलंबिया की पूर्व प्रीमियर क्रिस्टी क्लार्क ने भी लिबरल पार्टी की अगुवाई करने की इच्छा जताई है।
क्या कहते हैं जानकार?
विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रीलैंड इस दौड़ में सबसे आगे हैं। उनके बाद कार्नी और लेब्लांक जैसे अनुभवी नेता मजबूत स्थिति में हैं। वहीं, भारतीय मूल के अनीता आनंद और जॉर्ज चहल पर भी नजरें टिकी हैं।
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के अगले नेता और कनाडा के प्रधानमंत्री के चयन पर सबकी निगाहें हैं। पार्टी के नए नेता के नाम की घोषणा से यह तय होगा कि कनाडा की अगली सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी। भारतीय मूल के नेताओं की दावेदारी इस बार के चुनाव को और भी दिलचस्प बना रही है।