अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन्स (आरकॉम) और उसकी सहायक कंपनियों को केनरा बैंक ने फ्रॉड अकाउंट घोषित कर दिया है। यह फैसला कंपनी द्वारा बैंकों से लिए गए कर्जों को चुकाने में विफल रहने और ऑडिट में धोखाधड़ी के साक्ष्य पाए जाने के बाद लिया गया।
फ्रॉड अकाउंट घोषित करने वाला चौथा बैंक
केनरा बैंक ने आरकॉम, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल के लोन अकाउंट्स को धोखाधड़ी वाले खातों की श्रेणी में डाल दिया है। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक भी आरकॉम के खातों को फ्रॉड घोषित कर चुके हैं।
क्या है पूरा मामला?
केनरा बैंक ने 28 अक्टूबर को आरकॉम को नोटिस जारी किया, जो 5 नवंबर को कंपनी को प्राप्त हुआ। इसके बाद, 16 नवंबर को आरकॉम ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि बैंक ने उसके खातों को फ्रॉड घोषित कर दिया है। यह फैसला बैंक द्वारा तीनों कंपनियों के ऑडिट में धोखाधड़ी के साक्ष्य मिलने के बाद लिया गया।
धोखाधड़ी के आरोप
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, आरकॉम और उसकी सहयोगी कंपनियों ने विभिन्न बैंकों से सामूहिक रूप से 31,580 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। मार्च 2017 में कंपनी ने इस कर्ज को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कंपनी ने:
1. री-पेमेंट में चूक की।
2. बैंक की मंजूरी शर्तों का उल्लंघन किया।
3. फर्जी देनदारों को पैसा माफ करने और बिक्री चालान फंडिंग का दुरुपयोग किया।
धोखाधड़ी के प्रमुख तथ्य:
कर्ज में लेटर ऑफ गारंटी भी शामिल था, जिसे कंपनी ने बैंक के नियमों का उल्लंघन कर प्रस्तुत किया।
ऑडिट में यह पाया गया कि आरकॉम ने कर्ज की राशि का गलत उपयोग किया और धनराशि को फर्जी तरीकों से अन्य गतिविधियों में लगाया।
कंपनी का बयान
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में आरकॉम ने कहा है कि ये क्रेडिट सुविधाएं कंपनी के दिवालिया प्रक्रिया में जाने से पहले की हैं। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस या परिसमापन प्रक्रिया के तहत हल किया जाएगा।
दिवालिया प्रक्रिया का प्रभाव
रिलायंस कम्यूनिकेशन्स पहले से ही दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है। इस प्रक्रिया के तहत कंपनी के बकाए का निपटान किया जाना है। लेकिन केनरा बैंक द्वारा खातों को फ्रॉड घोषित किए जाने से आरकॉम की साख पर और बुरा असर पड़ा है।
पहले भी आरोपों से घिरी आरकॉम
यह पहली बार नहीं है जब आरकॉम पर कर्ज से जुड़े आरोप लगे हैं। दिसंबर 2020 में एसबीआई समेत तीन बैंकों ने भी आरकॉम के लोन अकाउंट्स को फ्रॉड घोषित किया था।
केनरा बैंक का यह कदम रिलायंस कम्यूनिकेशन्स और उसकी सहायक कंपनियों के लिए बड़ा झटका है। 31,580 करोड़ रुपये के भारी कर्ज और ऑडिट में सामने आई अनियमितताओं ने कंपनी की वित्तीय स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिवालिया प्रक्रिया के तहत इस मामले का हल निकाला जाएगा, लेकिन यह घटना अनिल अंबानी की कंपनियों के लिए एक और चुनौती है।
बैंकिंग प्रणाली के लिए यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे बैंकों को अपने कर्ज के उपयोग और भुगतान की कड़ी निगरानी बनाए रखने की जरूरत है।