
चंडीगढ़ प्रशासन ने वर्ष 2025-26 की नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है और इसे सार्वजनिक कर दिया गया है। नई नीति के तहत अगले साल शराब के दाम नहीं बढ़ेंगे।
सस्ती शराब बेचने और तस्करी पर सख्त कार्रवाई
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सस्ती शराब बेचने और तस्करी करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी। अगर कोई ठेकेदार कम दाम पर शराब बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उसका ठेका 3 दिनों के लिए सील कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, अगर कोई ठेकेदार शराब की तस्करी या मिलावट करता पाया गया, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और उसे दोबारा जारी नहीं किया जाएगा।
97 शराब की दुकानों की होगी नीलामी
नई नीति के तहत चंडीगढ़ में कुल 97 शराब की दुकानों की नीलामी की जाएगी। हर ठेकेदार को सिर्फ एक दुकान लेने की अनुमति होगी।
नीलामी की प्रक्रिया 13 मार्च से ई-नीलामी के जरिए शुरू होगी। इसमें भाग लेने के लिए 2 लाख रुपये की सिक्योरिटी राशि जमा करनी होगी।
शराब के कोटे में हुआ बदलाव
हालांकि, शराब की कुल मात्रा (कोटा) नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन देशी और विदेशी शराब के कोटे में वृद्धि की गई है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि शराब की मांग को देखते हुए कोटा आगे और बढ़ाया जा सकता है।
नीति का उद्देश्य
नई आबकारी नीति का मकसद उपभोक्ताओं, निर्माताओं, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और सरकार की जरूरतों का संतुलन बनाना है।
निष्कर्ष:
- शराब के दाम स्थिर रहेंगे।
- सस्ती शराब बेचने पर ठेका 3 दिन के लिए बंद होगा।
- शराब की तस्करी करने वालों का लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द होगा।
- 13 मार्च से ई-नीलामी होगी, जिसमें 97 शराब की दुकानें नीलाम की जाएंगी।
- नीलामी में भाग लेने के लिए 2 लाख रुपये की सिक्योरिटी जमा करनी होगी।
नई नीति के तहत प्रशासन शराब के व्यापार को पारदर्शी और नियंत्रित बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि अवैध बिक्री और तस्करी को रोका जा सके।