हर साल की तरह, इस बार भी बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और अन्य राज्यों में छठ महापर्व की धूम है। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत मंगलवार को ‘नहाय-खाय’ से हुई, जबकि बुधवार को ‘खरना’ का प्रसाद चढ़ाया गया। गुरुवार को छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया और शुक्रवार, 8 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व का समापन होगा।
घाटों पर महापर्व की धूम
गुरुवार शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पटना, वाराणसी, दिल्ली, और अन्य शहरों के घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। छठ व्रतियों ने अपने सूप, दउरा में प्रसाद रखकर, कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को सांध्य अर्घ्य अर्पित किया। पटना के गंगा घाट से लेकर दिल्ली के यमुना घाटों और अस्थायी घाटों तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कई लोगों ने घरों की छतों और तालाबों में भी छठ पूजा की।
पटना में, जिला प्रशासन ने 100 से अधिक घाटों पर सुरक्षा और सुविधाओं का इंतजाम किया है। विभिन्न घाटों पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। जिला प्रशासन के अनुसार, कच्ची तालाब, गर्दनीबाग तालाब, मानिकचंद तालाब और अन्य प्रमुख जलाशयों के पास भी पूजा-अर्चना की व्यवस्था की गई है। प्रमुख पार्कों में ईको पार्क, एनर्जी पार्क, वीर कुंवर सिंह पार्क और एस के पुरी पार्क भी इस महापर्व के आयोजन के लिए सजाए गए हैं।
दिल्ली में 1000 आर्टिफिशियल छठ घाट
दिल्ली में इस बार यमुना नदी में प्रदूषण के चलते हाईकोर्ट ने वहां छठ पर्व मनाने की अनुमति नहीं दी। इसके मद्देनजर, दिल्ली सरकार ने विभिन्न स्थानों पर 1000 आर्टिफिशियल घाटों का निर्माण किया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि राजधानी में आईटीओ हाथी घाट समेत कई स्थानों पर छठ पूजा की विशेष व्यवस्था की गई है। इन घाटों पर लोगों की भारी भीड़ और उत्साह देखा गया।
उत्तर प्रदेश में सज गए घाट
उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ, मिर्जापुर और अन्य जिलों के घाटों पर भी छठ पूजा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। वाराणसी के गंगा घाटों और गोमती नदी के किनारों पर अर्घ्य देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अलावा लखनऊ और अन्य शहरों में अस्थायी घाटों का निर्माण किया गया है।
नोएडा में छठ पूजा घाट
नोएडा में भी विभिन्न स्थानों पर छठ घाटों का निर्माण किया गया है ताकि स्थानीय लोग वहां पूजा कर सकें। प्रमुख स्थानों में सेक्टर-21A का नोएडा स्टेडियम, सेक्टर 31, सेक्टर 75 का सेंट्रल पार्क और बायो डायवर्सिटी पार्क शामिल हैं। इन स्थानों पर विभिन्न छठ पूजा समितियों द्वारा आयोजन किया जा रहा है।
छठी मईया की महिमा
छठ पर्व में सूर्यदेव के साथ छठी माता की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि छठी मईया संतान की रक्षा करती हैं, और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। छठ पर्व में विशेष रूप से व्रत और उपवास का पालन कर भक्त छठी माता से संतान की सुरक्षा और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
छठ महापर्व का महत्व
यह पर्व बिहार और पूर्वांचल के लोगों के बीच अत्यंत श्रद्धा का प्रतीक है और अब यह भारत के अन्य हिस्सों में भी धूमधाम से मनाया जाने लगा है। इस महापर्व में श्रद्धालु कठिन उपवास रखते हैं और जलाशयों में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जो प्रकृति और भगवान सूर्य के प्रति समर्पण को दर्शाता है।