गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में नई पहल
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में ‘सुरजीत पातर सेंटर फॉर एथिकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ की स्थापना की घोषणा की है। यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा और इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नैतिकता को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए यूनिवर्सिटी को पूरी मदद का आश्वासन दिया।
डॉ. सुरजीत पातर को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के महान लेखक और कवि डॉ. सुरजीत पातर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. पातर का निधन पंजाब और पंजाबी साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने सुरजीत पातर की लेखनी की तुलना अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि कीट्स से की और कहा कि डॉ. पातर ने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा दिया।
साहित्य के क्षेत्र में नई योजना
मुख्यमंत्री ने डॉ. सुरजीत पातर की स्मृति में एक पुरस्कार शुरू करने की भी घोषणा की। इस पुरस्कार से उभरते हुए लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा। भगवंत मान ने कहा कि डॉ. पातर जैसे साहित्यकारों के योगदान को याद रखना और नई पीढ़ी को उनकी लेखनी से प्रेरणा देना बहुत जरूरी है।
पंजाबी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार पंजाबी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए 350 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों और छात्रों को पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।
महान गुरुओं और शहीदों की शिक्षाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे महान गुरु, संत और शहीद हमें अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इन महान शहीदों के बलिदानों से प्रेरणा लेकर समाज और देश की सेवा करें।
माघी पर्व पर शुभकामनाएं
भगवंत सिंह मान ने माघी पर्व के शुभ अवसर पर सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि यह पर्व 40 मुक्तों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने खिदराने की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी। आज इसे श्री मुक्तसर साहिब के नाम से जाना जाता है।
माघी मेला का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि माघी मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री टूटी-गंडी साहिब में मत्था टेकने आते हैं। यह स्थान उन 40 मुक्तों की बहादुरी को याद करने का प्रतीक है, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ अद्भुत साहस दिखाया।
पंजाब सरकार साहित्य, शिक्षा और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार नई पहल कर रही है। ‘सुरजीत पातर सेंटर फॉर एथिकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का निर्माण और डॉ. सुरजीत पातर की स्मृति में पुरस्कार की शुरुआत, इन प्रयासों का एक हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया और युवाओं से अपनी भाषा और विरासत को सहेजने की अपील की।