“नशा मुक्त पंजाब” के लिए बड़ी पहल: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की ग्राम पंचायतों से सहयोग की अपील, घोषित किया एक लाख की प्रोत्साहन राशि

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नशे के खिलाफ छेड़ी गई “युद्ध नशाओं विरुद्ध” मुहिम को गाँव-गाँव तक पहुँचाने की बड़ी घोषणा की है। पंचायत दिवस के मौके पर राज्य स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी पंचायतों से नशा मुक्त गाँव बनाने की अपील की और इस नेक काम में जुटने वाले गाँवों को प्रोत्साहन स्वरूप एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
नशा मुक्त गाँवों को मिलेगा विशेष दर्जा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गाँव खुद को नशा मुक्त घोषित करेंगे, उन्हें न सिर्फ आर्थिक मदद दी जाएगी, बल्कि उन्हें मॉडल गाँव के रूप में विकसित किया जाएगा। ऐसे गाँवों को आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा, ताकि ये बाकी गाँवों के लिए उदाहरण बन सकें।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी सप्लाई लाइन तोड़ दी है। बड़े-बड़े नशा कारोबारियों को जेल में डाला गया है और उनकी अवैध संपत्तियाँ जब्त या नष्ट की जा रही हैं, ताकि ये दूसरों के लिए सबक बनें।
पंचायतों की भूमिका को बताया अहम
मुख्यमंत्री मान ने सरपंचों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की नींव होती हैं और गाँवों के विकास में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार हर सरपंच को हरसंभव मदद और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि वे ज़मीनी स्तर पर जनता से सीधे जुड़े होते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरपंचों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपने फैसले लेने चाहिए, ताकि गाँव में भाईचारा बना रहे और विकास की गति तेज़ हो। धड़ेबंदी जैसी समस्याओं से गाँवों को नुकसान होता है, और इसलिए सरपंचों को इसके खिलाफ भी पहल करनी चाहिए।
विकास कार्यों में उत्कृष्ट पंचायतों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ने बठिंडा जिले के गाँव बल्लो की पंचायत को राज्य भर में विकास सूचकांक में पहला स्थान पाने पर सम्मानित किया। इसके अलावा 9 अन्य पंचायतों और सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही अच्छा काम कर रही स्वयं सहायता समूहों और पंचायत सचिवों को भी सम्मान मिला।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गाँवों की तरक्की तभी संभव है जब पंचायतें एकजुट होकर काम करें और लोगों की भलाई को अपनी प्राथमिकता बनाएं। उन्होंने सरपंचों से अपील की कि वे राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रहकर ईमानदारी से काम करें और अपने गाँव को प्रगति की राह पर ले जाएँ।
यह पहल सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि पंजाब को नशा मुक्त, विकसित और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें सरकार और जनता दोनों की साझेदारी बेहद ज़रूरी है।