
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पटियाला में आयोजित ‘आप सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम के दौरान लैंड पूलिंग नीति को लेकर जनता से खुलकर संवाद किया। उन्होंने कहा कि विरोधी दल लोगों को गुमराह कर रहे हैं और यह अफवाह फैला रहे हैं कि सरकार जबरदस्ती किसानों की ज़मीन छीन रही है। जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लैंड पूलिंग नीति पूरी तरह पारदर्शी, स्वैच्छिक और जनहित पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी की भी ज़मीन उसकी मर्ज़ी के बिना नहीं ले रही। इस नीति के तहत किसानों और ज़मीन मालिकों की सहमति से ज़मीन ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद अवैध कालोनियों की बढ़ती समस्या को रोकना और योजनाबद्ध शहरी विकास को बढ़ावा देना है।
क्या है लैंड पूलिंग नीति?
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत:
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स्वैच्छिक भागीदारी: किसान या ज़मीन मालिक स्वयं निर्णय ले सकते हैं कि वे इसमें भाग लेना चाहते हैं या नहीं। अगर कोई भाग नहीं लेना चाहता, तो अपनी ज़मीन पहले की तरह इस्तेमाल कर सकता है।
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गारंटीड रिटर्न: ज़मीन देने वाले हर मालिक को प्रति एकड़ के हिसाब से विकसित क्षेत्र में 1000 वर्ग गज का रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज का व्यावसायिक स्थल मिलेगा। यह ज़मीन बाज़ार मूल्य के हिसाब से कई गुना अधिक मूल्य की होगी।
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कोई अतिरिक्त खर्च नहीं: सड़कों, सीवरेज, पानी, बिजली जैसी सुविधाओं का सारा खर्च सरकार खुद उठाएगी।
मुख्यमंत्री मान ने उदाहरण देकर बताया कि अगर किसी की ज़मीन आज 1 करोड़ रुपए प्रति एकड़ की है, तो विकसित प्लॉट के रूप में उसे लगभग 3-4 करोड़ की संपत्ति मिलेगी। इस ज़मीन को व्यक्ति चाहे तो खुद रख सकता है, किराए पर दे सकता है या बेच सकता है।
विरोधियों पर तीखा हमला
भगवंत मान ने कहा कि कुछ विरोधी नेता, जो खुद रियल एस्टेट से जुड़े हैं, जानबूझकर डर का माहौल बना रहे हैं क्योंकि उन्हें पारदर्शिता और जवाबदेही से डर लगता है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में ज़मीन अधिग्रहण में अपारदर्शिता थी और फायदा सिर्फ कुछ लोगों को मिलता था, जबकि आम किसान नुकसान उठाता था।
उन्होंने अकाली नेता मनप्रीत इआली का नाम लेकर कहा कि ऐसे नेता इस नीति का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इससे उनके निजी फायदे और बिल्डर लॉबी के साथ उनके रिश्ते खत्म हो जाएंगे।
लोगों से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद जनता से मिलकर उनकी राय और सुझाव ले रहे हैं ताकि सबका साथ लेकर एक बेहतर पंजाब बनाया जा सके। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस नीति को समझें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, विधायक अजीतपाल सिंह कोहली, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, पंच-सरपंच और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि यह योजना किसानों के हित में है और इसका उद्देश्य उन्हें सशक्त बनाना है, न कि उनसे ज़मीन छीनना।