
पंजाब के फिरोजपुर जिले में आज सुबह एक बड़ा सड़क हादसा होने की खबर सामने आई है। यह हादसा उस समय हुआ जब एक निजी स्कूल की वैन, जिसमें करीब 30 बच्चे सवार थे, अचानक अपना संतुलन खो बैठी और सड़क किनारे बने नाले में जा गिरी। यह दुर्घटना फिरोजपुर जिले के गांव हसतीवाला के पास घटी। हादसे की खबर मिलते ही प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत व बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया।
कैसे हुआ हादसा?
हादसे के समय वैन के ड्राइवर जग्गा सिंह ने बताया कि सुबह लगभग 7 बजे वह वैन में बच्चों को उनके गांवों से लेकर स्कूल की ओर जा रहा था। जैसे ही वैन नाले के ऊपर बने पुल पर पहुंची, अचानक उसका एक पहिया निकल गया। वैन का संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे पुल से नीचे नाले में जा गिरी। गनीमत रही कि पानी ज्यादा गहरा नहीं था और वैन की रफ्तार भी धीमी थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
ड्राइवर ने यह भी बताया कि वह बहुत सावधानी से गाड़ी चला रहा था और बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क था। हादसे के बाद आस-पास के लोग तुरंत मदद के लिए पहुंचे और बच्चों को वैन से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
बच्चों को मामूली चोटें
इस दुर्घटना में किसी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई है। कुछ बच्चों को हल्की-फुल्की खरोंचें लगी हैं। सभी को पास के अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया, जहां उन्हें सुरक्षित बताया गया है। हादसे के बाद बच्चों और उनके परिजनों में दहशत का माहौल जरूर बन गया है, लेकिन राहत की बात यह है कि सभी बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जताई चिंता
इस हादसे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ट्वीट कर चिंता जताई। उन्होंने लिखा,
“फिरोजपुर के सेम नाले में स्कूली बच्चों से भरी एक निजी बस के गिरने की दुखद खबर मिली है। प्रशासन की टीमें मौके पर हैं और बचाव कार्य जारी है। मैं खुद हर पल की जानकारी ले रहा हूं। ईश्वर से सभी की सलामती और स्वस्थ रहने की प्रार्थना करता हूं।”
मुख्यमंत्री की इस प्रतिक्रिया से साफ है कि सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द से जल्द जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।
उठते हैं कई सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर स्कूल वाहनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि ड्राइवर की बात मानी जाए, तो वैन का पहिया अचानक निकलना किसी बड़ी तकनीकी या रखरखाव से जुड़ी चूक की ओर इशारा करता है। प्रशासन को अब यह जांच करनी होगी कि क्या वैन का समय-समय पर मेंटेनेंस होता था या नहीं। इसके अलावा, स्कूल प्रशासन की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी कि क्या उन्होंने बच्चों की सुरक्षा को लेकर जरूरी नियमों का पालन किया था?
लोगों ने दिखाई मानवता
हादसे के समय गांव वालों ने जो तत्परता दिखाई, वह काबिल-ए-तारीफ है। बिना किसी देरी के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकालने में मदद की। इस सामूहिक प्रयास से ही बच्चों की जान बच पाई और एक बड़ा हादसा टल गया।
फिरोजपुर में हुआ यह हादसा भले ही ज्यादा जानलेवा नहीं रहा, लेकिन यह एक चेतावनी है कि स्कूल वाहनों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन को चाहिए कि सभी स्कूल वाहनों की जांच कराए और नियमों का कड़ाई से पालन हो, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।