
पंजाब के नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर) में आज एक बड़ा कदम उठाया गया जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ का उद्घाटन किया। इस खास मौके पर दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी उनके साथ मौजूद रहे। यह स्कूल 5.68 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और यह पंजाब सरकार की शिक्षा सुधार योजनाओं का अहम हिस्सा है।
बेहतर शिक्षा, बेहतर भविष्य
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उद्घाटन के दौरान कहा कि पूरे पंजाब में ऐसे करीब 350 ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ तैयार किए जा रहे हैं, जो सरकारी शिक्षा को एक नया आयाम देंगे। उन्होंने कहा कि ये स्कूल सिर्फ दिखने में ही नहीं, बल्कि पढ़ाई और सुविधाओं के मामले में भी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देंगे।
उन्होंने कहा, “हमारा मकसद यह है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी आर्थिक वर्ग से क्यों न हो। आज के समय में जब शिक्षा महंगी हो रही है, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सरकारी स्कूलों में भी वही सुविधाएं और क्वालिटी मिले जो प्राइवेट स्कूलों में दी जाती हैं।”
विद्यार्थियों से की बातचीत, दी प्रेरणा
भगवंत मान और मनीष सिसोदिया ने स्कूल के विद्यार्थियों से बातचीत भी की और उन्हें पढ़ाई को लेकर प्रेरित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से फीडबैक लिया और छात्रों को मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अब सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि लोग अब इन स्कूलों पर भरोसा कर रहे हैं।
17 हजार करोड़ का शिक्षा बजट
अपने संबोधन में भगवंत मान ने यह भी बताया कि पहली बार पंजाब में शिक्षा के लिए 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया है। उन्होंने कहा, “पहले की सरकारें शिक्षा पर इतना ध्यान नहीं देती थीं, लेकिन अब हम इसे प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है ताकि वे इंटरनेशनल लेवल की शिक्षा अपने छात्रों को दे सकें।”
बिना सिफारिश मिली नौकरियां
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उनकी सरकार ने अब तक 54,003 नौकरियां बिना किसी सिफारिश के दी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और भी युवाओं को सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। यह सरकार युवाओं के भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
नशा विरोधी मुहिम पर भी बोले मान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ अभियान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नशा लेने वाले लोग मरीज हैं, लेकिन नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार नशा तस्करों पर बुलडोज़र एक्शन ले रही है और इसमें कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
पंजाब में शिक्षा की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ की शुरुआत से न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि सरकारी स्कूलों की छवि भी बेहतर होगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार शिक्षा, रोजगार और नशा मुक्त पंजाब की दिशा में लगातार प्रयासरत है, और यह पहल उसी का प्रमाण है।