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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पारंपरिक राजनीतिक दलों के नेताओं पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब राज्य के किसान अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं, तब सुखबीर बादल और सुनील जाखड़ जैसे नेता शादियों, रिसेप्शन और दावतों में शामिल होकर तस्वीरें खिंचवा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसे राजनीतिक असंवेदनशीलता करार देते हुए कहा कि दशकों तक राज्य पर शासन करने वाला यह “कुलीन” राजनीतिक वर्ग जनता की परेशानियों से पूरी तरह बेखबर है।
नेता मंचों पर दुश्मन, निजी समारोहों में दोस्त
भगवंत मान ने आरोप लगाया कि ये नेता जनता के सामने एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलते हैं, लेकिन निजी समारोहों में एक-दूसरे के साथ गले मिलते हैं। उन्होंने कहा, “यह वही नेता हैं जो लोगों को जाति और राजनीति के नाम पर बांटते हैं, लेकिन खुद हमेशा एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। जनता को यह समझना होगा कि इनके लिए राजनीति सिर्फ सत्ता हासिल करने का साधन है, न कि सेवा करने का जरिया।”
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ये नेता अपने इस व्यवहार को “सामाजिक कर्तव्य” बताकर जायज ठहराने की कोशिश करेंगे, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि उनके भड़काऊ भाषणों से राज्य का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि जनता को अब इनके झूठे नारों और खोखली बयानबाजी से सावधान रहना चाहिए।
आम आदमी की सरकार से ईर्ष्या करते हैं पारंपरिक दल
भगवंत मान ने कहा कि वह एक आम परिवार से आते हैं, और इसी कारण पारंपरिक राजनीतिक दल उनसे ईर्ष्या करते हैं। उन्होंने कहा, “यह नेता मानते थे कि उन्हें पंजाब पर शासन करने का ईश्वरीय अधिकार मिला है। अब जब एक आम आदमी जनता की सेवा कर रहा है, तो उन्हें यह बात हजम नहीं हो रही। वे इस सरकार को असफल दिखाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके झूठे प्रचार में फंसने वाली नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने इन दलों को बारी-बारी से सत्ता में बिठाया और उनकी असलियत पहचानने के बाद सत्ता से बाहर कर दिया। उन्होंने कहा, “लोगों ने हमें सेवा करने का मौका दिया है और हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।”
विपक्ष सिर्फ निंदा करने में व्यस्त
भगवंत मान ने कहा कि विपक्षी दल अब सिर्फ सरकार की निंदा करने में व्यस्त रहते हैं क्योंकि उनकी खुद की कोई ठोस उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार द्वारा लिए गए लोक-हितैषी फैसलों से ये नेता जलते हैं। इन्हें डर है कि अगर पंजाब में आम आदमी की सरकार सफल रही, तो जनता इन्हें हमेशा के लिए नकार देगी।”
अकाली दल पर कड़ा प्रहार
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी अब पूरी तरह से जनता से कट चुकी है। उन्होंने कहा, “अकाली नेता खोखली बयानबाजी के अलावा जनता के लिए कुछ नहीं कर पाए। इसी कारण अब जनता उन्हें सड़कों पर घेर रही है और उनके खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आम आदमी की ताकत सबसे बड़ी होती है और जनता जब चाहती है, सत्ता पलट सकती है। उन्होंने अकाली दल पर तंज कसते हुए कहा, “जिन लोगों ने दावा किया था कि वे 25 साल तक शासन करेंगे, उन्हें जनता ने राजनीतिक गुमनामी में धकेल दिया है। यही लोकतंत्र की असली ताकत है।”
जनता को जागरूक रहने की अपील
भगवंत मान ने जनता से अपील की कि वे पारंपरिक दलों के बहकावे में न आएं और हमेशा आम आदमी की सरकार को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ पंजाब के विकास के लिए काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब जनता को तय करना है कि वे उन्हीं पुराने नेताओं को वापस लाना चाहते हैं जो सत्ता में रहकर सिर्फ अपने परिवारों का विकास करते रहे, या फिर एक ऐसी सरकार को समर्थन देना चाहते हैं जो वास्तव में जनता की भलाई के लिए काम कर रही है।”