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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी है कि डिपोर्ट किए गए भारतीयों को बार-बार अमृतसर लाकर इस पवित्र शहर को ‘डिपोर्ट सेंटर’ में बदलने की कोशिश ना की जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश बंद करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दौरा कर वहां पहुंचे भारतीय नागरिकों के स्वागत के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका से लौटाए गए भारतीयों को जिस तरह जंजीरों में बांधकर वापस भेजा गया, वह बेहद शर्मनाक है और मोदी सरकार अपने नागरिकों को सम्मान के साथ वापस लाने में पूरी तरह असफल रही है।
अमृतसर को नजरबंदी केंद्र न बनाएं
भगवंत मान ने कहा कि अमृतसर एक पवित्र नगरी है, जहां श्री हरिमंदिर साहिब, भगवान वाल्मीकि तीर्थ, दुर्गियाना मंदिर और जलियांवाला बाग जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं। इस धरती को बदनाम करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई व्यक्ति वेटिकन सिटी जैसे धार्मिक स्थल को डिपोर्ट सेंटर बना सकता है? अगर नहीं, तो अमृतसर को क्यों इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार विदेशी विमानों को यहां उतारकर पंजाबियों की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक कारणों से पंजाब को निशाना बना रही है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की साजिश कर रही है।
विदेश नीति की असफलता
भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विदेशी नेताओं के साथ गले मिलते हैं, लेकिन भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से वापस लाने की कोई कोशिश नहीं करते। उन्होंने सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति से मिले, तो उन्होंने भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने के मुद्दे पर बात क्यों नहीं की?
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मोदी सरकार वास्तव में भारतीय नागरिकों की परवाह करती, तो वह खुद अपने विमान भेजकर अपने लोगों को सम्मानपूर्वक वापस लाती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया और भारतीयों को अमानवीय तरीके से लौटाया गया, जिससे पूरे देश को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
भगवंत मान ने चिंता जताई कि विदेशी युद्धक विमानों को अमृतसर जैसे संवेदनशील हवाई अड्डे पर क्यों उतारा जा रहा है, जबकि यह पाकिस्तान सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने सवाल किया कि देश में इतने सारे हवाई अड्डे होने के बावजूद, सिर्फ अमृतसर को ही डिपोर्टियों के लिए क्यों चुना गया? उन्होंने कहा कि यह पंजाब को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश है।
अवैध ट्रैवल एजेंटों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार उन अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, जो भोले-भाले लोगों को झांसा देकर अवैध रूप से विदेश भेजते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे एजेंटों के खिलाफ मिसाल कायम करने वाली सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
डिपोर्ट किए गए लोगों के लिए सुविधाएं
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार डिपोर्ट हुए लोगों की पूरी मदद करेगी। अमृतसर हवाई अड्डे पर उनके लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि वे सुरक्षित अपने घर पहुंचें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन लोगों के पुनर्वास के लिए भी प्रयास कर रही है ताकि वे सम्मानपूर्वक अपनी जिंदगी दोबारा शुरू कर सकें।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि अमृतसर को डिपोर्ट सेंटर में बदलने की कोशिश को पंजाब के लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को विदेश नीति मजबूत करनी चाहिए और अपने नागरिकों की इज्जत बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए, न कि उन्हें जंजीरों में बांधकर वापस लाने दिया जाए। पंजाब सरकार डिपोर्ट हुए लोगों की हर संभव मदद करेगी और उन्हें नया जीवन शुरू करने के अवसर देगी।