
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर पंजाब के जल अधिकारों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के पानी को लेकर एक और “कोझी चाल” चल रही है, जिसे किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा।
भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड पर दबाव डालने का आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के माध्यम से पंजाब पर अतिरिक्त पानी देने का दबाव बना रही है। लेकिन पंजाब सरकार का साफ कहना है कि राज्य के पास एक बूंद भी फालतू पानी नहीं है जिसे किसी और राज्य को दिया जा सके।
हरियाणा को पहले ही दिया जा चुका है उसका हिस्सा
भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि पंजाब पहले ही हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दे चुका है। इसके बावजूद अब केंद्र सरकार दबाव बनाकर पंजाब से और पानी देने की मांग कर रही है, जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने इस कोशिश को पंजाब के हक में दखल करार दिया।
केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर इस तरह के कदम उठा रही है, जिससे पंजाब के हक को कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह “कोझी चाल” पंजाब की जनता के हितों के खिलाफ है और इसे किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
बीबीएमबी बैठक में पंजाब का साफ इंकार
हाल ही में हुई भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में पंजाब सरकार ने हरियाणा को और पानी देने से साफ इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस फैसले को राज्य के हक़ और संसाधनों की रक्षा करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान पहले ही जल संकट का सामना कर रहे हैं और अब उनके हक पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
पंजाब सरकार का संदेश: “हम पानी पर नहीं करेंगे समझौता”
मुख्यमंत्री मान ने अपने बयान के ज़रिए यह साफ कर दिया कि पंजाब सरकार अपने जल अधिकारों को लेकर किसी भी दबाव में नहीं झुकेगी। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर एकजुट रहें और राज्य के हितों की रक्षा के लिए सरकार का साथ दें।