
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिससे राज्य के सरकारी स्कूलों की स्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है। पहले जिन सरकारी स्कूलों को उपेक्षित माना जाता था, आज वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक सुविधाओं और सकारात्मक माहौल के लिए पहचाने जा रहे हैं।
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स्कूलों का कायाकल्प
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा को अपनी सरकार की मुख्य प्राथमिकता बनाया और “स्कूल नवीनीकरण अभियान” की शुरुआत की। इस योजना के तहत राज्यभर के हजारों सरकारी स्कूलों की इमारतों का जीर्णोद्धार किया गया।
पुराने और जर्जर भवनों की मरम्मत की गई, दीवारों को रंगा गया, फर्नीचर को बदला गया, और शौचालय, पानी, साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था की गई। अब स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला और खेल मैदान जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।
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शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण
सरकार ने शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में नई भर्तियां कीं। इसके साथ ही, मौजूदा शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण दिलाने की शुरुआत की गई ताकि वे आधुनिक शिक्षण तकनीकों से अवगत हो सकें।
इनमें से कई शिक्षकों को सिंगापुर और फिनलैंड जैसे देशों में भेजा गया, जिससे वे इंटरनेशनल स्तर की शिक्षा प्रणाली को समझकर अपने छात्रों को और बेहतर तरीके से पढ़ा सकें।
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छात्रों के प्रदर्शन में सुधार
मुख्यमंत्री मान की शिक्षा नीतियों का सकारात्मक असर अब छात्रों के परीक्षा परिणामों में दिखाई देने लगा है। हाल ही में आए 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में पंजाब के सरकारी स्कूलों के छात्रों ने प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर प्रदर्शन किया।
अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषयों में भी विद्यार्थियों के अंकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके साथ ही ड्रॉपआउट रेट यानी पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है।
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अभिभावक-शिक्षक संवाद
सरकार ने माता-पिता और शिक्षकों के बीच संवाद को मज़बूत करने के लिए प्रत्येक सरकारी स्कूल में नियमित माता-पिता शिक्षक बैठकें आयोजित करनी शुरू कीं। पहले जहां अभिभावक स्कूलों में रुचि नहीं लेते थे, अब वे नियमित रूप से स्कूलों में जाकर शिक्षकों से अपने बच्चों की पढ़ाई और प्रगति पर चर्चा करते हैं। इससे बच्चों के प्रदर्शन में सतत सुधार हो रहा है।
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भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह स्पष्ट किया है कि उनका सपना है कि पंजाब के सरकारी स्कूल देश के सबसे बेहतरीन स्कूलों में शामिल हों। इसके लिए राज्य में हर जिले में “प्रतिष्ठा स्कूल” यानी मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं, जहां विद्यार्थियों को बिना किसी खर्च के अत्याधुनिक शिक्षा दी जाएगी।
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मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब की सरकारी शिक्षा प्रणाली में एक नई शुरुआत हुई है। अब सरकारी स्कूल न केवल पढ़ाई में अव्वल हो रहे हैं, बल्कि उनमें पढ़ने वाले बच्चे भी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। अगर यह बदलाव इसी तरह जारी रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करेगा।