मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने दीवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर प्रदेशवासियों और विश्वभर में बसे पंजाबी समुदाय को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दीवाली की जगमगाहट केवल हर घर को रोशन नहीं करती, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस त्योहार को जाति, रंग, नस्ल और धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर पारंपरिक धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि दीवाली एक ऐसा अवसर है, जब सभी मिलकर खुशियों का आनंद लें और समाज में भाईचारे का संदेश फैलाएं।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने छठे गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी द्वारा 1612 में दीवाली के त्योहार पर ग्वालियर के किले से 62 हिंदू राजाओं की रिहाई के ऐतिहासिक मौके को भी याद किया। उन्होंने इसे “बंदी छोड़ दिवस” का महत्व बताया और कहा कि यह दिन सिख समुदाय के लिए विशेष है, क्योंकि यह सिखों की बहादुरी और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि दीवाली का त्योहार हमें सिखाता है कि हमें हमेशा अच्छाई की ओर बढ़ना चाहिए और बुराई का सामना करना चाहिए। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस त्योहार को केवल व्यक्तिगत खुशी के लिए नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी मनाएं।
मुख्यमंत्री मान ने दीवाली और बंदी छोड़ दिवस पर प्रदेशवासियों को सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। उन्होंने आशा जताई कि यह त्योहार सभी के जीवन में खुशियों और सफलता का संचार करेगा।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने दीवाली और बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर लोगों को एकजुटता, भाईचारे और सामंजस्य का संदेश देते हुए एक खुशहाल और समृद्ध भविष्य की कामना की।