बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन और अंतरिम सरकार के गठन के बाद चीन की सक्रियता ने कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। चीनी राजदूत याओ वेन ने ढाका में ‘हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत’ का समर्थन करते हुए एक ‘ग़रीबी मुक्त और लोकतांत्रिक संपन्न बांग्लादेश’ के निर्माण में चीन के सहयोग का आश्वासन दिया है। चीन के इस कूटनीतिक रवैये ने बांग्लादेश में नए संबंधों की शुरुआत का संकेत दिया है।
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन
मुहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की बागडोर संभाली थी। शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद यह बदलाव हुआ। पश्चिमी देशों ने हसीना सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हुई हिंसा की आलोचना की थी, जबकि चीन ने इस घटना पर ‘सामाजिक स्थिरता बहाल’ करने की आवश्यकता जताते हुए केवल सीमित बयान दिया था। इसके बाद चीन ने हसीना के सत्ता से हटने के अगले दिन ही बांग्लादेश की स्थिति पर अपना ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया।
बांग्लादेश की राजनीतिक पार्टियों से चीन का संपर्क
चीनी राजदूत याओ वेन बांग्लादेश की राजनीतिक गतिविधियों में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से संपर्क साधा है। चीन ने पहली बार बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी जैसे दलों से संवाद शुरू किया है। उल्लेखनीय है कि जमात-ए-इस्लामी पार्टी को शेख हसीना सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा था। चीनी राजदूत ने जमात को एक ‘अनुशासित पार्टी’ करार दिया और ‘आपसी संवाद जारी रखने’ का भरोसा दिलाया।
मानवीय सहायता और छात्र आंदोलन के प्रति सहानुभूति
चीन की एक मेडिकल टीम ने ढाका के अस्पतालों का दौरा कर प्रदर्शनों में घायल हुए 160 मरीजों का उपचार किया। याओ वेन ने इस दौरान चीन की मानवीय सहायता और बांग्लादेश के छात्र नेताओं के साहस की सराहना की। इसके अलावा चीनी राजनयिक कर्मचारियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर 11,000 लोगों को राहत सामग्री बांटी और प्रधान सलाहकार रिलीफ फंड में $20,000 का योगदान दिया।
आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाने की दिशा में प्रयास
25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग ने आशा व्यक्त की कि बांग्लादेश जल्द ही स्थिरता की ओर बढ़ेगा। यूनुस ने दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने का स्वागत किया और दोनों देशों की कंपनियों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ाने की मांग की।
बांग्लादेश में चीन की कूटनीतिक सक्रियता का विश्लेषण
चीन की इस कूटनीतिक सक्रियता को बांग्लादेश के घरेलू राजनीतिक बदलावों के बावजूद द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। चीन के ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, राजदूत याओ वेन ने अंतरिम सरकार के कई सलाहकारों और जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख शफीकुर रहमान से मुलाकात की है। विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की कूटनीति दर्शाती है कि चीन बांग्लादेश में स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय है, भले ही सत्ता में बदलाव क्यों न आए।
बांग्लादेश में चीन की सक्रियता न केवल कूटनीतिक बल्कि मानवीय सहायता के रूप में भी उभर रही है। राजदूत याओ वेन की पहल, जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी जैसे दलों से संवाद, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों ने चीन के गहराते प्रभाव को उजागर किया है। बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने के इस प्रयास से चीन ने यह संदेश दिया है कि वह अपनी पारम्परिक मित्रता को आगे ले जाना चाहता है।