
दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दबदबा बढ़ाने की होड़ में चीन ने नया धमाका कर दिया है। चीनी कंपनी DeepSeek ने ऐसा सस्ता AI मॉडल लॉन्च किया है जिसने अमेरिका के शेयर बाजार में खलबली मचा दी। सोमवार को Nvidia Corporation के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे कंपनी को $600 बिलियन (लगभग ₹49.8 लाख करोड़) का नुकसान हुआ।
DeepSeek का AI मॉडल: कैसे मचाई हलचल?
DeepSeek एक चीनी AI स्टार्टअप है, जो अपने सस्ते और अत्याधुनिक AI मॉडल्स के लिए पहचाना जाता है। कंपनी का नया मॉडल, DeepSeek-V3, बेहद कम कीमत पर बनाया गया है।
DeepSeek-V3 को सिर्फ $5.6 मिलियन (₹46 करोड़) की लागत से विकसित किया गया है।
इसके मुकाबले, अमेरिकी कंपनियां जैसे OpenAI और Google अपने AI मॉडल्स पर अरबों डॉलर खर्च करती हैं।
यह मॉडल सस्ते चिप्स और कम डेटा पर निर्भर करता है, जो इसे अन्य AI मॉडल्स की तुलना में अधिक किफायती बनाता है।
Nvidia को बड़ा झटका
DeepSeek के AI मॉडल की घोषणा के बाद Nvidia के शेयरों में करीब 13% की गिरावट आई।
कंपनी की मार्केट वैल्यू में $465 बिलियन की कमी दर्ज की गई।
Nvidia, जो अब तक AI चिप्स और टेक्नोलॉजी का ग्लोबल लीडर माना जाता था, को यह नुकसान बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को “वेकअप कॉल” करार दिया और अमेरिकी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को सचेत रहने की चेतावनी दी।
DeepSeek का दबदबा: क्यों यह मॉडल है खास?
DeepSeek का नया मॉडल कई कारणों से चर्चा में है:
1. कम कीमत: DeepSeek-V3 अन्य AI मॉडल्स की तुलना में बेहद सस्ता है।
2. सस्ती चिप्स का उपयोग: यह महंगे चिप्स और डेटा सेंटर पर निर्भर नहीं है, जिससे लागत घटती है।
3. लोकप्रियता: DeepSeek का AI असिस्टेंट अब Apple App Store पर ChatGPT को पछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच गया है।
चीन की रणनीति और अमेरिका की चिंता
चीन का AI मॉडल ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका ने चीन को एडवांस्ड सेमीकंडक्टर तकनीक और Nvidia के AI चिप्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।
DeepSeek की सफलता यह साबित करती है कि चीन अब अपनी AI तकनीक पर आत्मनिर्भर हो रहा है।
यह अमेरिका और अन्य देशों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में हड़कंप
DeepSeek के इस कदम से दुनियाभर की टेक्नोलॉजी कंपनियां हिल गई हैं। Nvidia जैसी दिग्गज कंपनियों को अब कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले AI मॉडल्स का मुकाबला करना होगा।
AI इंडस्ट्री में यह साबित हो चुका है कि चीन अब “सस्ता और टिकाऊ” समाधान पेश करने में महारत हासिल कर रहा है।
भारत भी AI संचालित डेटा सेंटर बनाने पर काम कर रहा है, जो इस दौड़ में उसे आगे ले जा सकता है।
DeepSeek का यह कदम AI इंडस्ट्री में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। Nvidia जैसी कंपनियों को अब अपने मॉडल्स को और अधिक किफायती और प्रतिस्पर्धात्मक बनाना होगा। वहीं, चीन ने साबित कर दिया है कि तकनीकी क्षेत्र में वह अमेरिका के सामने बड़ी चुनौती पेश करने की क्षमता रखता है।