वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी CLSA (क्रेडिट लायन ग्रुप) ने भारतीय शेयर बाजारों से निकलकर चीन में निवेश करने के अपने रणनीतिक फैसले को पलटते हुए भारत में निवेश बढ़ाने का निर्णय लिया है। ब्रोकरेज फर्म ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित जीत के बाद चीन के बाजारों में चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं, जिस कारण उसने अपनी निवेश रणनीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
सीएलएसए के अनुसार, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ट्रेड वॉर और चीन के खिलाफ नीतियों में सख्ती बढ़ सकती है, जिसका असर चीनी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के निर्यात आधारित विकास मॉडल में अब अधिक संकट आने की संभावना है, खासकर जब निर्यात चीनी विकास का मुख्य आधार है। इसके चलते, सीएलएसए ने यह निर्णय लिया है कि वह चीन में अपनी निवेश राशि को घटाएगा और भारतीय बाजारों में फिर से निवेश बढ़ाएगा।
भारत में निवेश बढ़ाने का कदम
इससे पहले, अक्टूबर 2020 में सीएलएसए ने भारत में अपनी निवेश राशि कुछ कम करते हुए चीन में निवेश बढ़ाने की योजना बनाई थी। हालांकि, अब वह इस रणनीति को उलटते हुए भारत में निवेश बढ़ाने का फैसला कर रहा है। CLSA का यह कदम भारतीय बाजारों में निवेशकों की बढ़ती रुचि और आशावाद को दर्शाता है, खासकर उस समय जब विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से धन निकालने का सिलसिला जारी था।
सीएलएसए ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को देखते हुए उठाया है। ट्रंप के चुनाव जीतने की स्थिति में, उनका प्रशासन चीन के खिलाफ कड़े कदम उठा सकता है, जिससे चीनी बाजारों में अस्थिरता पैदा हो सकती है। इसके मुकाबले, भारत को लेकर निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है, खासकर उस समय जब भारतीय बाजारों में कुछ बेहतरीन कंपनियाँ उभर रही हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज पर CLSA की सकारात्मक रिपोर्ट
सीएलएसए ने भारत में अपनी निवेश बढ़ाने की रणनीति के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में खरीदारी की सलाह दी है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर मौजूदा कीमत पर “आकर्षक एंट्री पॉइंट” पर हैं, और इस पर निवेश करने का बेहतरीन समय है। सीएलएसए ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए अपनी ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग को बरकरार रखते हुए एक नया टारगेट प्राइस भी जारी किया है।
सीएलएसए का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 30 प्रतिशत तक अपसाइड पोटेंशियल है। मौजूदा कीमत 1267.70 रुपये के मुकाबले, ब्रोकरेज फर्म ने रिलायंस के शेयरों के लिए 1650 रुपये का टारगेट रखा है। यह ब्रोकरेज की ओर से एक सकारात्मक और उत्साहजनक सिफारिश है, जो निवेशकों के लिए रिलायंस के शेयरों में संभावित लाभ का संकेत देती है।
भारतीय बाजारों के प्रति CLSA का भरोसा
सीएलएसए का भारत में निवेश बढ़ाने का निर्णय इस बात को भी दर्शाता है कि विदेशी निवेशक अब भारतीय बाजारों को एक मजबूत और स्थिर निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, और मजबूत कॉर्पोरेट प्रदर्शन भारतीय शेयर बाजारों को एक आकर्षक निवेश अवसर बना रहे हैं।
इसके अलावा, भारतीय बाजारों में व्यापक सुधार और सरकारी नीतियों में बदलाव भी निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। सीएलएसए का यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास को और मजबूत करता है और यह संकेत देता है कि आने वाले समय में भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश और भी बढ़ सकता है।
इससे पहले, भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का सामना करने वाले निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, क्योंकि सीएलएसए जैसी प्रमुख ब्रोकरेज फर्म ने भारत में निवेश को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।