
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज ज़िला संगरूर के छाजली गांव में एक और बड़ी पहल की शुरुआत करते हुए ‘स्कूल ऑफ़ एमिनेंस’ का उद्घाटन किया। इस खास मौके पर उन्होंने छात्रों को शानदार क्लासरूम और आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित साइंस व कंप्यूटर लैब की सौगात दी। यह स्कूल राज्य सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही सुधार कोशिशों का एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि पिछली सरकारों ने स्कूलों की बदहाली को बच्चों की किस्मत बना दिया था। लेकिन उनकी सरकार ने यह सोच बदलने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद है कि पंजाब के हर बच्चे को ऐसी शिक्षा मिले जो उसे सपने देखने और उन्हें पूरा करने की ताकत दे। ‘स्कूल ऑफ़ एमिनेंस’ इसी सोच का हिस्सा है।”
इस नए स्कूल में न सिर्फ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है, बल्कि स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, विज्ञान और गणित की अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और करियर गाइडेंस की सुविधाएं भी दी गई हैं। भगवंत मान ने कहा कि ये स्कूल केवल इमारत नहीं, बल्कि बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव हैं।
मुख्यमंत्री ने स्कूल में बच्चों से बातचीत भी की और उनकी पढ़ाई व गतिविधियों को देखा। उन्होंने कहा कि बच्चों में आत्मविश्वास और प्रयोग करने की इच्छा देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। “आज हमारे बच्चे विज्ञान, तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ने की सोच रख रहे हैं, और ये देखकर लगता है कि भविष्य सुनहरा है,” उन्होंने कहा।
भगवंत मान ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। ‘स्कूल ऑफ़ एमिनेंस’ योजना के तहत पंजाब में 117 स्कूलों को चुना गया है, जिन्हें मॉडल स्कूल के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
इस योजना का मकसद है कि सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से भी बेहतर बनाया जाए, ताकि हर बच्चे को बराबरी का मौका मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही बाकी जिलों में भी ऐसे स्कूल तैयार किए जाएंगे, ताकि पूरे पंजाब के बच्चे इसका फायदा उठा सकें।
कुल मिलाकर, ‘स्कूल ऑफ़ एमिनेंस’ एक ऐसी शुरुआत है जो पंजाब में सरकारी शिक्षा की तस्वीर बदलने जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह कोशिश बच्चों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि ज़िंदगी के हर क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने का हौसला देगी।