
दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के कर्मचारियों द्वारा सिख धर्म के सम्मानित गुरु के साथ की गई बदसलूकी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। यह घटना श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार और श्री हरिमंदिर साहिब के प्रमुख ग्रंथी गियानी रघुबीर सिंह जी के साथ हुई, जिससे सिख समुदाय में गहरा रोष है।
इस घटना पर अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और केंद्र सरकार से सख्त और मिसाल पेश करने वाली कार्रवाई की मांग की है। भगवंत मान ने साफ तौर पर कहा कि गियानी रघुबीर सिंह केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि सिख समाज की एक सम्माननीय और पवित्र शख्सियत हैं, जिनके साथ ऐसा व्यवहार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का ट्वीट
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा:
“सिख कौम के सर्वोच्च धार्मिक स्थान श्री अकाल तख्त साहिब जी के पूर्व जत्थेदार और श्री हरिमंदिर साहिब जी के हेड ग्रंथी, सम्मानीय गियानी रघुबीर सिंह जी के साथ एयर इंडिया और उसके कर्मचारियों द्वारा किया गया व्यवहार निंदनीय है।
यह सुनकर गहरा दुख हुआ कि इतनी बड़ी और पूजनीय शख्सियत के साथ इस तरह की घटना हुई। मैं इसकी सख्त निंदा करता हूं और केंद्र सरकार से तत्काल जांच करवा कर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करता हूं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
सिख समाज में नाराजगी
इस घटना के बाद सिख संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि पूरे सिख धर्म और उसकी मर्यादा का अपमान है। सिख समुदाय का मानना है कि धार्मिक प्रतीकों और संत शख्सियतों के साथ ऐसा व्यवहार सिरे से निंदनीय है और यह धार्मिक स्वतंत्रता और गरिमा के खिलाफ है।
केंद्र सरकार पर दवाब
CM भगवंत मान के बयान के बाद केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी यह बहस छिड़ गई है कि क्या एयरलाइंस कंपनियों को अपने स्टाफ को धार्मिक सहिष्णुता और गरिमा के प्रति विशेष प्रशिक्षण नहीं देना चाहिए?
आगे की उम्मीद
अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार और एयर इंडिया पर हैं कि वे इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं। क्या दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी या यह मामला भी बाकी विवादों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धार्मिक शख्सियतों और विश्वासों का सम्मान करना न केवल नैतिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक स्वस्थ समाज की बुनियादी ज़रूरत भी है।
सवाल यह भी उठता है कि क्या एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपने स्टाफ को बेहतर ट्रेनिंग देंगी? या फिर इस तरह की खबरें यूं ही आती रहेंगी?