
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर फैल रही अफवाहों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस योजना के बारे में गलत जानकारी फैलाकर किसानों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ने साफ किया कि सरकार किसी भी किसान की ज़मीन जबरन नहीं लेगी।
उन्होंने कहा कि लैंड पूलिंग पॉलिसी पूरी तरह किसानों की सहमति पर आधारित है। अगर किसान चाहें, तभी उनकी ज़मीन इस योजना के तहत ली जाएगी। इसके बदले में किसान को उसकी ज़मीन का पूरा बाजार मूल्य (मार्केट रेट) मिलेगा।
सीएम भगवंत मान ने बताया कि सरकार इस ज़मीन को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर विकसित करेगी। इसमें सड़कें, सीवरेज, बिजली, पानी जैसी बुनियादी ज़रूरतों का ख्याल रखा जाएगा। फिर इस ज़मीन को योजनाबद्ध तरीके से लोगों को सौंपा जाएगा, जिससे अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी का सबसे बड़ा उद्देश्य है अवैध और अनियोजित कॉलोनियों को रोकना, जो बिना सुविधाओं के बन रही हैं। इससे न केवल लोगों को दिक्कत होती है, बल्कि शहरों का ढांचा भी बिगड़ता है।
लोगों ने भी इस योजना का स्वागत किया है और सरकार की पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि यह नीति युवाओं के लिए रोज़गार के नए रास्ते खोलेगी। क्योंकि जब ज़मीन का विकास होगा, तो निर्माण, सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में काम के अवसर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत हर काम पारदर्शिता के साथ किया जाएगा और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह नीति किसानों, युवाओं और पूरे समाज के हित में है।
सरकार का उद्देश्य है कि पंजाब में विकास योजनाबद्ध तरीके से हो और सभी को बेहतर जीवनशैली मिले — बिना किसी डर या धोखे के।