
पंजाब सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए आज चंडीगढ़ में विभिन्न सरकारी विभागों में 450 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। इन युवाओं को पूरी तरह से मेरिट और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सरकारी नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मौके पर नव-नियुक्त युवाओं और उनके परिवारों को दिल से बधाई दी और उन्हें “पंजाब सरकार के परिवार का हिस्सा” बताया।
मेरिट ही बनी चयन का आधार
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब पंजाब में बिना रिश्वत और बिना सिफारिश के, सिर्फ काबिलियत के दम पर नौकरियां दी जा रही हैं। पहले के समय में जब तक कोई सिफारिश न हो या पैसे न दिए जाएं, सरकारी नौकरी मिलना एक सपना बनकर रह गया था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।
भगवंत मान ने कहा, “हमने पंजाब में रिश्वतखोरी की बीमारी पर नकेल कसी है और ईमानदारी की लौ जलाई है। हमारी सरकार में नौकरी सिर्फ उन लोगों को मिल रही है जो मेहनती और योग्य हैं।”
मेहनत से मिलेगी बड़ी पहचान
मुख्यमंत्री ने युवा अफसरों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज जो सरकारी नौकरी मेहनत से मिली है, वही आगे चलकर उन्हें एक ईमानदार और जिम्मेदार अधिकारी बनाएगी। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया कि अगर वे मेहनत करते रहेंगे तो आगे भी और ऊंचे पद उनकी राह देख रहे हैं।
जारी रहेगा ‘मिशन रोज़गार’
भगवंत मान ने एलान किया कि सरकार का ‘मिशन रोज़गार’ अभियान लगातार जारी रहेगा। इस योजना के तहत राज्य में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को पारदर्शी तरीके से नौकरियां दी जाएंगी। अभी तक हजारों नौजवानों को इस मिशन के तहत रोजगार मिल चुका है।
परिवारों में खुशी का माहौल
नियुक्ति पत्र पाकर युवाओं और उनके परिवारों के चेहरों पर खुशी साफ नजर आ रही थी। कई परिवारों ने कहा कि यह पहली बार है जब उनके बेटे-बेटियों को बिना किसी सिफारिश और बिना पैसे खर्च किए सरकारी नौकरी मिली है।
पंजाब सरकार का यह कदम राज्य के नौजवानों में नई उम्मीद और भरोसा जगा रहा है। बिना भ्रष्टाचार और सिफारिश के जब योग्य युवाओं को नौकरी मिलती है, तो यह न सिर्फ सिस्टम पर भरोसा बढ़ाता है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत भी करता है।