
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें राज्य की समृद्ध विरासत से रूबरू करवाया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे पंजाब को एक अंतरराष्ट्रीय निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सिर्फ कृषि और बहादुरी की धरती नहीं है, बल्कि यह उद्योग, व्यापार और नवाचार का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब का इतिहास बहुत गहरा है और यहां की मेहमाननवाज़ी पूरे देश में मशहूर है।
भगवंत मान ने अधिकारियों से कहा कि वे जब दुनिया के विभिन्न देशों में जाएं, तो वहां पंजाब की व्यापार-अनुकूल नीतियों और सांस्कृतिक विरासत को लोगों तक पहुँचाएं। इससे न सिर्फ राज्य में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पंजाब की सकारात्मक छवि भी और मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने IFS अधिकारियों को खटकर कलां स्थित शहीद भगत सिंह डिजिटल म्यूज़ियम, हुसैनीवाला बॉर्डर पर होने वाले रिट्रीट समारोह, और पंजाब के अन्य ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों का दौरा करने का भी निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों से पंजाब की शौर्यगाथा और गौरवशाली इतिहास का पता चलता है, जिसे दुनियाभर में साझा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब बदल रहा है – यहाँ नए उद्योगों का आगमन हो रहा है, युवाओं को रोजगार मिल रहा है और बुनियादी ढांचे में सुधार हो रहा है। ऐसे में विदेशों में पंजाब की सही तस्वीर पहुंचाना बहुत जरूरी है ताकि निवेशक यहां आने के लिए प्रोत्साहित हों।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि IFS अधिकारी देश के ब्रांड एंबेसडर की तरह होते हैं। अगर वे पंजाब की खूबियों को दुनिया तक पहुँचाएं, तो राज्य में नए मौके और संभावनाएं जन्म लेंगी।
यह मुलाकात पंजाब सरकार की उस कोशिश का हिस्सा है जिसमें राज्य को नशा मुक्त, रोजगार युक्त और निवेश के लिए आकर्षक बनाया जा रहा है।