मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और धान खरीदी के दौरान किसानों को हो रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने गृह मंत्री को उन प्रमुख चुनौतियों से अवगत कराया जो वर्तमान धान खरीदी सीजन में सामने आ रही हैं। इस बातचीत में चार मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया गया:
1) परिवहन लागत में उत्पन्न होने वाली समस्याएँ:
मुख्यमंत्री ने बताया कि धान की खरीदी के बाद उसे मंडियों से शेलरों या गोदामों तक ले जाने में अधिक खर्च हो रहा है। परिवहन व्यवस्था में खामियों के कारण किसानों को अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने गृह मंत्री से इस समस्या के समाधान के लिए मदद की मांग की, ताकि धान की फसल की सुचारू और सस्ती ढुलाई सुनिश्चित की जा सके।
2) भंडारण स्थान की कमी:
मान ने यह भी बताया कि धान के बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद राज्य में पर्याप्त भंडारण स्थान नहीं है। गोदामों और शेलरों में जगह की कमी के कारण फसल का सुरक्षित भंडारण कठिन हो रहा है, जिससे धान की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर त्वरित समाधान की आवश्यकता जताई और भंडारण सुविधाओं के विस्तार की अपील की।
3) हाइब्रिड गुणवत्ता का मुद्दा:
धान की हाइब्रिड गुणवत्ता को लेकर भी कई समस्याएं उभर रही हैं। कुछ क्षेत्रों में किसानों को हाइब्रिड धान की खराब गुणवत्ता के कारण उनकी उपज पर नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए गृह मंत्री से इस मुद्दे पर ध्यान देने और गुणवत्तायुक्त बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात की, ताकि किसान अच्छी पैदावार कर सकें।
4) शेलर मालिकों को हुए नुकसान:
मुख्यमंत्री ने शेलर मालिकों को हुए नुकसान पर भी गृह मंत्री से चर्चा की। उन्होंने बताया कि शेलर मालिकों को धान के भंडारण और प्रसंस्करण में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इसके चलते उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि शेलर मालिकों के नुकसान की भरपाई के लिए कोई ठोस योजना बनाई जाए, ताकि धान की खरीदी और प्रसंस्करण की प्रक्रिया में कोई रुकावट न हो।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि इन समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए, ताकि पंजाब के किसान बिना किसी परेशानी के अपनी फसल को बेच सकें और उनका मेहनताना सुरक्षित रहे।