
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में सिंचाई व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि पिछली सरकारों ने नहरी पानी और सिंचाई के साधनों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने सूए, खालें और रजवाहों को दोबारा चालू करके नहरी पानी को किसानों के खेतों तक पहुँचाया है। पहले जहाँ किसान सिर्फ ट्यूबवेल पर निर्भर थे, अब वे नहरी पानी से सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आज पंजाब में लगभग 65 प्रतिशत खेतों में नहरी पानी का इस्तेमाल हो रहा है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
भगवंत मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने गांवों के तालाबों की सफाई के लिए विशेष बजट जारी किया है। तालाबों के गंदे और बेकार पानी को अब साफ किया जाएगा और उसे खेतों में सिंचाई के लिए दोबारा उपयोग में लाया जाएगा। यह काम सीचेवाल मॉडल और थापर मॉडल के तहत किया जाएगा।
सीएम ने बताया कि लगभग 15,000 गांवों के तालाबों का पानी ट्रीट किया जाएगा और उसे खेती के काम में लाया जाएगा। इससे न सिर्फ किसानों को पानी मिलेगा, बल्कि पर्यावरण भी साफ रहेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार के पास धान की फसल के लिए बिजली और पानी की कोई कमी नहीं है। किसानों को किसी तरह की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन उन्होंने किसानों से अपील की कि वे नहरी पानी का अधिकतम उपयोग करें ताकि जमीन के नीचे का पानी बचाया जा सके, जो लगातार कम हो रहा है।
सीएम ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण हमारी साझा जिम्मेदारी है। सरकार अपना काम कर रही है, अब किसानों और जनता को भी मिलकर इसका साथ देना होगा।
यह कदम पंजाब को जल संकट से बाहर निकालने और खेती को टिकाऊ बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है।