पंजाब में कड़ाके की ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। सर्द मौसम और घनी धुंध के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बच्चों की सुरक्षा और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने पहले ही 7 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया था। अब खबरें आ रही हैं कि शिक्षा विभाग स्कूलों के समय में बदलाव कर सकता है क्योंकि सुबह की घनी धुंध से यातायात और जनजीवन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
घनी धुंध से बढ़े हादसे
पंजाब में जीरो विज़िबिलिटी के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। नेशनल हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। सर्दी और धुंध के इस बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शिक्षा विभाग सुबह के समय को बदलने पर विचार कर रहा है ताकि बच्चों को स्कूल आने-जाने में परेशानी न हो।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने 4 जनवरी से मौसम में बदलाव का अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक, एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पंजाब में सक्रिय हो रहा है, जिससे 4 जनवरी को पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और होशियारपुर जैसे जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। इसके बाद 5 और 6 जनवरी को भी पंजाब के अधिकतर इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के बाद ठंड और बढ़ेगी, और घनी धुंध का प्रकोप बना रहेगा।
स्कूलों की छुट्टियां और ऑनलाइन कक्षाएं
इससे पहले, पंजाब सरकार ने 24 से 31 दिसंबर तक स्कूलों की छुट्टियों का ऐलान किया था। लेकिन बढ़ती ठंड और धुंध को देखते हुए छुट्टियों को 7 जनवरी तक बढ़ा दिया गया। हालांकि, परीक्षाओं के मद्देनजर कुछ निजी स्कूलों ने छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं।
शिक्षा विभाग के प्रयास
शिक्षा विभाग अब बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों के समय में बदलाव करने की योजना बना रहा है। यदि समय बदला गया तो स्कूलों को सुबह की बजाय थोड़ा देर से शुरू किया जा सकता है, ताकि बच्चे सुरक्षित तरीके से स्कूल पहुंच सकें।
जनजीवन पर प्रभाव
कड़ाके की ठंड और घनी धुंध ने केवल बच्चों को ही नहीं, बल्कि किसानों, ट्रक चालकों और दैनिक मजदूरों के जीवन को भी प्रभावित किया है। इस समय लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
ठंड और मौसम की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग का यह कदम छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। आने वाले दिनों में मौसम के मिजाज पर निर्भर करेगा कि छुट्टियां और बढ़ाई जाएंगी या स्कूलों के समय में बदलाव किया जाएगा।