उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में शीतलहर का असर इतना अधिक है कि जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। शुक्रवार को ठंड ने सारी हदें पार कर दीं, जब घने कोहरे की वजह से सड़क पर चलना तक मुश्किल हो गया।
तापमान में गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। 3 जनवरी को दिल्ली के सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस, जबकि पालम में 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट होने की संभावना है, जिससे दिन में भी ठंड का असर बढ़ जाएगा।
शीतलहर और तेज हवाओं का अलर्ट
मौसम विभाग ने कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली और एनसीआर में 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है, जिससे ठंड और भी ज्यादा कड़ाके की हो जाएगी। इसके अलावा, 6 जनवरी को दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना भी जताई गई है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर
पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर भी दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कई स्थानों पर तापमान शून्य से नीचे चला गया है। ठंड इतनी तेज है कि डल झील की सतह जम चुकी है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारी बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है।
घना कोहरा और बारिश
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में घना कोहरा और बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बीच-बीच में बारिश जरूर मौसम को सामान्य करती है, लेकिन अगले ही दिन कोहरा और ठंड फिर से बढ़ जाती है। इस स्थिति के चलते यातायात व्यवस्था पर भी असर पड़ा है।
आम जनजीवन पर असर
सर्दी के इस प्रकोप ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। गलन भरी ठंड और कोहरे के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। हीटर और गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में अगले कुछ दिनों तक ठंड का यह दौर जारी रहेगा। बारिश और बर्फबारी के चलते पहाड़ी इलाकों में ठंड और बढ़ेगी। वहीं, मैदानी इलाकों में कोहरा और तेज हवाएं सर्दी के असर को और बढ़ाएंगी।
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और कोल्ड वेव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज हवाओं, घने कोहरे और बारिश के चलते लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सर्दी से बचाव के उपाय करना आवश्यक है।