उत्तर भारत में बढ़ेगी ठंड
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर भारत में जनवरी से मार्च के बीच जबरदस्त ठंड पड़ने की भविष्यवाणी की है। इस दौरान बारिश और बर्फबारी की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। उत्तर पश्चिम से चलने वाली ठंडी हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ेगी। किसानों और सामान्य जनजीवन पर इसका खासा प्रभाव पड़ सकता है।
जनवरी की शुरुआत में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे हिमालयी राज्यों में 7 जनवरी तक भारी बर्फबारी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। मैदानी क्षेत्रों में 5 से 7 जनवरी के बीच बारिश और शीतलहर की स्थिति बनेगी। पंजाब के 12 जिलों में अगले तीन दिनों तक बारिश का अलर्ट है।
पश्चिमी विक्षोभ और बदलता मौसम
दिसंबर में भारत ने 2001 के बाद सबसे अधिक बारिश देखी, जो औसत से 73% अधिक रही। इसमें लगातार सात पश्चिमी विक्षोभों ने उत्तर भारत को प्रभावित किया। अब जनवरी के पहले सप्ताह में दो और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे। पहले विक्षोभ के चलते पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी होगी, जबकि दूसरा विक्षोभ थोड़ा कमजोर रहेगा।
2-5 जनवरी का मौसम अपडेट:
2-3 जनवरी: पश्चिमी हिमालयी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी।
4-5 जनवरी: बारिश और बर्फबारी में तेजी।
10-16 जनवरी: तापमान में गिरावट और शीत लहर का प्रभाव।
उत्तर भारत में कहां पड़ेगी बर्फ?
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और लद्दाख में भारी बर्फबारी जारी रहेगी। उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान 4°C से 9°C के बीच रहेगा। दक्षिण भारत में भी बारिश ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है। तमिलनाडु और केरल में सक्रिय पूर्वोत्तर मानसून और चक्रवात ‘फेंगल’ के कारण सामान्य से 185% अधिक बारिश दर्ज की गई।
जनजीवन और किसानों पर प्रभाव
मौसम में इस बदलाव का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ सकता है। बारिश और बर्फबारी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। घना कोहरा और शीत दिवस की स्थिति अगले दो दिनों तक बनी रहेगी।
अगले दो दिनों के लिए अलर्ट:
उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में घना कोहरा।
शीत दिवस की स्थिति बरकरार।
रात में न्यूनतम तापमान में और गिरावट।
सामान्य से अधिक ठंड और सावधानी
जनवरी से मार्च तक कुल मिलाकर बारिश सामान्य से कम हो सकती है, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी सामान्य या अधिक बारिश देखने को मिलेगी। आम जनता को ठंड और बारिश के इस दौर में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।