हाल ही में मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा समेत कई अन्य कॉमेडियंस को जान से मारने की धमकी मिली है। पाकिस्तान से आए एक ईमेल में इन कलाकारों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईमेल में लिखा गया है कि उनके हर काम पर नजर रखी जा रही है। इसमें यह भी कहा गया है कि यह न तो पब्लिसिटी स्टंट है और न ही किसी को परेशान करने की कोशिश। इस धमकी को गंभीरता से लेने की चेतावनी दी गई है और कहा गया है कि मांगे पूरी न होने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
कहां दर्ज होती है FIR?
जब किसी सेलेब्रिटी को जान से मारने की धमकी मिलती है, तो सबसे पहले यह मामला स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया जाता है। धमकी की जानकारी जिस क्षेत्र की पुलिस को मिलती है, वहां एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जाती है। कपिल शर्मा के मामले में, मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर छानबीन शुरू कर दी है।
कौन-कौन सी एजेंसियां करती हैं जांच?
- स्थानीय पुलिस: धमकी के मामले में सबसे पहले स्थानीय पुलिस प्राथमिक जांच करती है।
- साइबर सेल: यदि धमकी ईमेल, सोशल मीडिया या फोन के जरिए दी गई है, तो साइबर सेल तकनीकी जांच करती है। वे यह पता लगाते हैं कि ईमेल या संदेश कहां से भेजा गया है।
- एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS): यदि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो या गंभीर आतंकवादी गतिविधियों का संकेत देता हो, तो राज्य का एंटी टेररिज्म स्क्वॉड जांच में शामिल होता है।
- नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA): अगर धमकी का संबंध आतंकवाद या बड़े राष्ट्रीय खतरे से हो, तो NIA इस मामले की जांच अपने हाथ में लेती है।
- विदेश मंत्रालय: यदि धमकी विदेश से आई हो, तो विदेश मंत्रालय संबंधित देश के दूतावास या उच्चायोग से संपर्क कर जरूरी जानकारी प्राप्त करता है।
तकनीकी जांच का अहम रोल
धमकी वाले मामलों में तकनीकी जांच बहुत महत्वपूर्ण होती है। साइबर एक्सपर्ट्स यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि ईमेल या संदेश भेजने वाला शख्स कौन है और वह कहां से काम कर रहा है। ईमेल की लोकेशन, आईपी एड्रेस और अन्य तकनीकी जानकारियों की मदद से धमकी देने वाले तक पहुंचने का प्रयास किया जाता है।
मुंबई पुलिस की कार्रवाई
कपिल शर्मा के मामले में मुंबई पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है और साइबर सेल की मदद से ईमेल का सोर्स ट्रैक किया जा रहा है।
सेलेब्रिटीज को मिली धमकियां न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकती हैं। ऐसे मामलों में पुलिस, साइबर सेल, और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम करती हैं। कपिल शर्मा और अन्य कॉमेडियंस को मिली धमकी का मामला भी पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है।