देश भर में महंगाई का असर आम जनता पर साफ नजर आ रहा है। ऐसे में अगर सब्जियों के दाम की बात करें, तो उनमें कुछ नरमी दिखने लगी है और कुछ मौसमी सब्जियों के दाम भी थोड़े कम होने शुरू हो गए हैं। रोजाना इस्तेमाल होने वाली सब्जियों में से प्याज के दामों पर नज़र डालें, तो ये अभी भी उच्च स्तर पर हैं, जिससे आम लोगों की जेब पर असर पड़ा है। पंजाब में प्याज की थोक कीमत 56 से 60 रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गई है और बाजार में इसकी खुदरा कीमत लगभग 70 रुपये के आसपास बनी हुई है।
ICICI बैंक की रिपोर्ट
ICICI बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर के बाकी दिनों में प्याज की कीमतों में कमी की उम्मीद नहीं है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अन्य सब्जियों के दामों में माह-दर-माह के आधार पर नवंबर में लगभग 4.1% की गिरावट आ सकती है। बैंक की इस मासिक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में कोर महंगाई दर 6.21% पर रही, जो पिछले 14 महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है। सितंबर में यह 5.49% थी, जिससे महंगाई का दबाव बढ़ा हुआ है।
प्याज के दामों पर अनुमान
सितंबर में खाने के तेल और सब्जियों की कीमतों में लगातार बढ़त देखी गई थी और मंडियों में सब्जियों की कम आमद के कारण इनकी कीमतें ऊपर चढ़ी रहीं। अब जबकि टमाटर की कीमतों में कमी आई है, प्याज पर दबाव बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर माह तक प्याज की कीमतों में खास राहत नहीं मिलेगी। प्याज की कम सप्लाई और मांग में बढ़ोतरी के चलते इसकी कीमतें अभी स्थिर बनी रह सकती हैं।
सर्दियों में बढ़ी सब्जियों की आवक
सर्दियों के मौसम में सब्जियों की आवक बढ़ जाती है, जिससे आमतौर पर सब्जियों के दामों में गिरावट देखी जाती है। पत्ता गोभी, पालक, मेथी, और बथुआ जैसी सर्दियों की सब्जियों की आवक अभी शुरूआती दौर में है, जिसके कारण इनके दाम थोड़े ऊंचे हैं, लेकिन इस सप्ताह इनके दामों में कमी की उम्मीद है क्योंकि इनकी सप्लाई पर्याप्त मात्रा में है। सप्लाई और मांग के संतुलन से आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम कुछ राहत दे सकते हैं।
हालांकि प्याज के मामले में राहत की संभावना फिलहाल कम है। नए प्याज की आवक में समय लगेगा, जिससे मौजूदा स्टॉक और मांग के चलते कीमतें ऊंचाई पर बने रहने की संभावना है। प्याज की बढ़ती कीमतों का असर सीधा आम लोगों के किचन बजट पर पड़ता है और इसकी बढ़ती कीमतें एक चिंता का विषय बनी हुई हैं।
सरकारी उपाय और राहत की संभावनाएं
सरकार की ओर से प्याज के दाम नियंत्रित करने के लिए स्टॉक को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्याज की जमाखोरी पर भी सख्ती की जा रही है ताकि कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सके। सरकार ने कुछ राज्यों में सस्ते प्याज की बिक्री के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना का सहारा भी लिया है। इसके बावजूद प्याज की कीमतों में तत्काल कमी की संभावना कम नजर आ रही है क्योंकि नए प्याज का उत्पादन अभी तक मंडियों तक नहीं पहुंच पाया है।
सब्जियों के बाजार में आगामी स्थिति
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में सर्दियों की सब्जियों की बढ़ती सप्लाई से बाजार में थोड़ी स्थिरता आ सकती है, लेकिन प्याज पर निर्भरता और इसकी कम उपलब्धता के कारण इसके दामों में जल्द राहत संभव नहीं लग रही। प्याज के दामों में गिरावट आने तक आम जनता को महंगाई का यह बोझ सहना पड़ सकता है.