पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर पिछले 18 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि उनकी किडनी फेल हो सकती है और लीवर से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं, और उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए गुरुवार को अमेरिका से आए कैंसर विशेषज्ञों और सरकारी डॉक्टरों की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। डॉक्टरों ने बताया कि उनका वजन लगभग 12 किलो घट चुका है, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ा है।
इस मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। एडवोकेट वासू रंजन शांडिल्य द्वारा दायर इस याचिका में डल्लेवाल की भूख हड़ताल समाप्त कराने और उन्हें जरूरी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की अपील की गई है। हाईकोर्ट इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है।
किसान आंदोलन और सियासी सरगर्मी
डल्लेवाल के भूख हड़ताल पर केंद्र सरकार की चुप्पी के कारण अब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) भी सक्रिय हो गया है। एसकेएम के नेता राकेश टिकैत और हरिंदर लखोवाल शुक्रवार को खनौरी बॉर्डर पहुंचकर डल्लेवाल से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही दिल्ली मार्च को लेकर किसानों द्वारा तीसरी बार बड़ी रणनीति तैयार की जा सकती है।
खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन आज 10 महीने पूरे कर चुका है। इस अवसर पर किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के पुतले जलाएंगे। किसानों ने सरकार से अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की है।
अंबाला प्रशासन की चिंता
अंबाला के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) ने संगरूर के डीसी को पत्र लिखकर डल्लेवाल की भूख हड़ताल के कारण अंबाला में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई है। उन्होंने डल्लेवाल को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की सिफारिश की है। डीसी ने बताया कि डल्लेवाल का वजन तेजी से घट रहा है और उनकी हालत लगातार खराब हो रही है।
किसानों की अपील
किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए आम जनता से डल्लेवाल की सेहत में सुधार के लिए प्रार्थना करने और अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली कूच करने की अपील की है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए और उनकी भूख हड़ताल खत्म कराने के लिए कदम उठाए जाएं।
मेडिकल टीम की सिफारिशें और प्रशासन की कार्रवाई
डॉक्टरों की टीम ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश की है। उनकी हालत को देखते हुए प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे। इसके अलावा, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आवाजाही सामान्य रखने और अंबाला में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं।
किसानों के बढ़ते आंदोलन और डल्लेवाल की गंभीर हालत ने सरकार और प्रशासन को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्देश जारी करता है और सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है।